उत्तरप्रदेश
मुरादाबाद/स्वराज टुडे: मुरादाबाद के कटघर के गाड़ीखाना मोहल्ले में पीतल कारोबारी अनिल चौधरी की हत्या की साजिश उसकी पत्नी तनु चौधरी ने अपने प्रेमी कन्हैया के साथ मिलकर रची थी। पुलिस ने बुधवार को तनु और हत्या के आरोपी मोहित को गिरफ्तार कर लिया है।पुलिस पूछताछ में तनु अपना गुनाह कबूल कर लेती है। यह हवस से भरी एक ऐसी कहानी है, जिसे सुनकर आपका भी कलेजा कांप जाएगा।
करीब 15 साल साथ रहने और दो बेटियां होने के बावजूद तनु चौधरी पति अनिल की हत्या अपनी आंखों के सामने कराएगी किसी ने सोचना भी नहीं होगा। रात करीब एक बजे मोहित और आमोद के घर में घुसते ही तनु ने मोबाइल की फ्लैश लाइट जला दी और बोली कि मेरे पति को खत्म कर दो। बेडरूम में सो रहे अनिल पर मोहित और आमोद ने हमला कर दिया था।
पहले खाने में मिला दी नींद की गोलियां
तनु चौधरी ने कन्हैया के साथ मिलकर हत्या का पूरा ताना बना बुना था। शनिवार की रात पत्नी तनु ने खाने में दवा मिला दी थी। खाना खाने के बाद ही अनिल सो गया। बड़ी बेटी मानवी और नाव्या भी सो गई थी। लेकिन तनु जागती रही। रात करीब 12 बजे तनु ने कन्हैया को कॉल की और बताया कि उसका पति सो गया है। तब तक कन्हैया, आमोद और मोहित शराब पीकर नशे में धुत हो चुके थे।
पति की हत्या करवाकर रोने बिलखने की एक्टिंग
करीब एक बजे कन्हैया ने बाइक से दोनों को अनिल के मकान के पास छोड़ दिया और बाहर खड़ा होकर निगरानी करने लगा। इसी दौरान मोहित और आमोद अनिल के घर में पहुंच गए। तनु ने बेड से ही मोबाइल की फ्लैश लाइट लगा दी और दबी आवाज में कहा कि मेरे पति को खत्म कर दो। इसके बाद मोहित और आमोद ने अनिल पर ताबड़तोड़ 14 वार किए। सांसें थम जाने तक हत्यारोपी हमला करते रहे।
आरोपी मोहित और आमोद
बेड से गेट तक आमोद का बिखरा था खून
हत्यारोपी मोहित और तनु चौधरी के गिरफ्तार किए जाने के बाद साफ हो गया कि बेड से गेट तक अनिल चौधरी का नहीं बल्कि आमोद का खून बिखरा था। हमलावर और बीच में बेटी के आ जाने के कारण आमोद के हाथ में चाकू लग गया था। भागते समय बेड से लेकर गेट तक आमोद का खून बह गया था।
पीतल कारोबारी की हत्या पहले बन कर रह जाती अगर …
अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए तनु प्रेमी कन्हैया के साथ मिलकर ऐसी साजिश रची थी कि उसके पति की हत्या पहेली बनकर रह जाएगी। तनु ने खाने में नींद का कैप्सूल मिला दिया था। ताकि उसका पति और दोनों बेटियां बेहोश हो जाएं लेकिन बड़ी बेटी मानवी ने खाना नहीं खाया था। जिस वक्त तनु मोबाइल की फ्लैश लाइट जाकर पति की हत्या करा रही थी।
उसी दौरान बड़ी बेटी जाग गई थी। उसने अपने पिता को बचाने के लिए संघर्ष किया था। इसी दौरान आमोद के हाथ में चाकू लगा था। उसने आमोद और मोहित को पहचान लिया था। पुलिस के आने के बाद जब मां बेटी से पूछताछ की तो पहले बेटी मानवी ने ही कहा था कि मोहित और आमोद कन्हैया के साथ रहते हैं। जब कन्हैया के बारे में पूछताछ गया तो मानवी ने कहा था कि मेरी मम्मी सब जानती हैं।
किसी को शक ना हो इसलिए प्रेमी को बुलाती थी ‘भाई’
कन्हैया कौन हैं। मम्मी के मुंह बोले भाई हैं। तब महिला से पूछताछ की तो उसने पहचानने से इन्कार कर दिया था लेकिन बेटी के जरिये पुलिस को अहम सुराग हाथ लग गया था। बेटी ने पुलिस को कन्हैया का मकान दिखाया था। बेटी के संघर्ष के कारण एक हत्यारोपी घायल हुआ और बाद में उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद बेटी से पुलिस को जो सुराग हाथ लगे उसके जरिए हत्याकांड का खुलासा भी हो गया।
गुरु जी का आदेश पूरा किया है…
मोहित भी संभल के बहजोई थाना क्षेत्र के मोहल्ला टंकी का रहने वाला है। वह अपनी बहन का इलाज कराने के लिए कन्हैया के पास आया था। इसके बाद वह कन्हैया के संपर्क में आ गया। कन्हैया के साथ ही रहने लगा था। वह कन्हैया को अपना गुरु मानने लगा था। इसलिए उसका हर आदेश मानता था। पुलिस की गिरफ्त में आने बाद आरोपी ने कहा कि गुरुजी का आदेश था। उसने केवल गुरुजी का आदेश पूरा किया है।
बेटे की चाहत और नाजायज संबंध
मुरादाबाद में पीतल का कारोबार करने वाले अनिल चौधरी अपनी दो बेटियों और पत्नी तनु के साथ खुश थे। लेकिन तनु को बेटे की ख्वाहिश थी। इसी ख्वाहिश में उसकी मुलाकात करीब एक साल पहले कन्हैया से हुई। कन्हैया खुद को बालाजी का भक्त बताता था और इसी मोहल्ले में आमोद के घर में रहकर हर शनिवार को दरबार लगाता था। धीरे-धीरे कन्हैया और तनु के बीच नजदीकी बढ़ने लगी। अक्सर कारोबार के सिलसिले में जब भी अनिल बाहर जाता तो तनु कन्हैया को अपने घर बुला लेती। किसी को उसके ऊपर शक ना हो, इसलिए वो कन्हैया को भाई कहकर बुलाती थी। एक दिन कन्हैया ने कहा कि वो राजस्थान जा रहा है। तनु ने अनिल को बताया और पूजा-पाठ के बहाने से दोनों बेटियों को लेकर उसके साथ चली गई।
पत्नी के प्रेम संबंधों का खुलासा होने पर अनिल ने उठाया ये कदम
राजस्थान में कन्हैया और तनु एक ही कमरे में रुके, जबकि दोनों बेटियों को उसने अलग कमरे में सुलाया। यहां दोनों ने एक साथ रील भी बनाई। ये रील वायरल होते हुए अनिल तक भी पहुंची और उसे दोनों के रिश्ते पर शक हो गया। उसने तनु का कन्हैया से मिलना जुलना बंद करा दिया। अब दोनों एक दूसरे से मिलने के लिए तड़पने लगे और इसी तड़प में कन्हैया ने तनु को उसके पति की हत्या के लिए तैयार कर लिया। आमोद और मोहित दोनों कन्हैया के भक्त थे। जब कन्हैया ने उनसे अनिल की हत्या करने को कहा, तो दोनों मान गए। हत्या के लिए शनिवार की रात का वक्त चुना गया।
अनिल की प्रॉपर्टी पर ऐश करने का था प्लान
आमोद का खून ज्यादा बहने से रास्ते में वो बेहोश हो गया और बाइक से गिर गया। दोनों उसे वहीं छोड़कर मौके से भाग गए। कुछ देर बाद आमोद ने दम तोड़ दिया। अनिल के घर में बेडरूम से लेकर मेन गेट तक जो खून के निशान थे, वो आमोद के ही थे। तनु और कन्हैया की साजिश थी कि अनिल की हत्या को लूटमार की तरह दिखाया जाएगा और इसके बाद दोनों मिलकर उसकी करोड़ों की प्रॉपर्टी पर ऐश करेंगे। हालांकि, अनिल की बेटी मानवी की वजह से दोनों की साजिश का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने इस मामले में कन्हैया और तनु को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मोहित फरार बताया जा रहा है। आसपास के लोग हैरान हैं कि दो बच्चों की मां अपनी हवस में इस कदर अंधी हो गई कि उसने अपने ही हंसते खेलते परिवार को उजाड़ दिया।
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