गोलगप्पे ने ले ली मासूम बच्ची की जान, 11 वर्षीय बड़ी बहन की हालत नाजुक

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छत्तीसगढ़
बिलासपुर/स्वराज टुडे: बिल्हा ब्लाक के ग्राम देवकीरारी में फूट पॉइजनिंग की वजह से बच्चों सहित 25 से अधिक लोग बीमार हो गए। आनन-फानन में उन्हें बिल्हा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। गंभीर रूप से बीमार दो बच्चों को सिम्स बिलासपुर लाकर भर्ती कराया गया। इसमें से एक बच्ची ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं दूसरी बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है ।

गुपचुप और चाट से फ़ूड पॉइज़निंग

देश के विभिन्न क्षेत्रों में गुपचुप और चाट बड़े चाव से खाया जाने वाला व्यंजन है । इसे कहीं गोलगप्पे कहा जाता है तो कहीं पानीपुरी ।  स्ट्रीट फूड की श्रेणी में आने वाला यह व्यंजन ज्यादातर ठेले गुमटी वालों द्वारा फुटपाथ पर बेचा जाता है । लेकिन यही गुपचुप एक मासूम बच्ची के लिए उसका काल बन गया ।

दरअसल बिल्हा ब्लॉक के ग्राम देवकीरारी में रविवार को एक व्यक्ति गुपचुप बेच रहा था । उससे बच्चों सहित कई ग्रामीणों ने गुपचुप और चाट खाए। शाम को गांव के कई लोगों को उल्टी होने लगी। आनन-फानन में सभी को उपचार के लिए बिल्हा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।

9 वर्षीय मासूम मीनाक्षी की सिम्स में उपचार के दौरान मौत

बीमार लोगों में से 2 बच्चों की हालत गंभीर होने पर सोमवार को बिल्हा स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने उन्हें उपचार के लिए सिम्स बिलासपुर रेफर किया। जहां उपचार के दौरान 9 वर्षीय मीनाक्षी कोशले पिता चंद्रप्रकाश कोशले की मौत हो गई। वहीं उसकी बड़ी बहन 11 वर्षीय साक्षी कोशले पिता चंद्रप्रकाश कोशले की हालत चिंताजनक बनी हुई है। बच्ची की मौत का खबर परिजनों को मिलते ही उन्होने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। समझाइश देने के बाद परिजन शांत हुए ।

फ़ूड पॉइज़निंग से इनकी बिगड़ी तबीयत

बीमार ग्रामीणों में रीना(23), दिक्षा(17), मनोरमा(20), दिप्ती(12), दिलेश्वरी(28), अभिलाषा(10), शुभांगी(10), कैलाश(8), हेमलता(37), हेमा बंजारे(44), कुंती बंजारे(30), लक्ष्मीकांत(10), चंद्रकांत(16), गगन(12), मिनाक्षी(9), रोशनी(8), दिलेश्वरी(20), अर्चना(38), संजुलता बंजारे(30) हंशिका बंजारे(18) के नाम बताए गए हैं इनको अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

सीएमएचओ डॉक्टर महाजन ने जाना हालचाल

इस घटना की खबर लगते ही सीएमएचओ डॉक्टर प्रमोद महाजन बिल्हा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहाँ उन्होंने मरीजों और उनके परिजनों से चर्चा की। डॉक्टरों से मरीज के उपचार के सम्बंध में जानकारी ली।

खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों व गुपचुप विक्रेता पर क्यों ना हो गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज 

बता दें कि किसी भी तरह खाद्य सामग्री बेचने के लिए विक्रेता को पहले खाद्य एवं औषधि विभाग से अपना पंजीयन कराना पड़ता है ।अनुमति मिलने के बाद ही वे अपना व्यवसाय कर सकते हैं । नियम तो ये कहता है कि खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों को नियमित रूप से व्यवसायियों द्वारा बेचे जा रहे खाद्य सामग्रियों की जाँच करनी चाहिए लेकिन ऐसा कभी होता नहीं । अनेक ठेले व गुमटी वाले तो बगैर पंजीयन के अपनी दुकानदारी चलाते देखे जा सकते हैं । भारी गंदगी के बीच अमानक सामग्रियों से व्यंजन तैयार करने की खबरें भी सामने आती रहती है । अगर बनता हुआ सामने देख लें तो एक निवाला मुँह में ना जाये ।

इसी लापरवाही के चलते एक मासूम बच्ची को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है । तो आखिर क्यों ना इस लापरवाही के जिम्मेदार लोगों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए ।

दीपक साहू

संपादक

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