छत्तीसगढ़
रायपुर/स्वराज टुडे: छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत युक्तियुक्तकरण रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में कुल 211 शासकीय विद्यालय ऐसे हैं जहां एक भी विद्यार्थी नहीं है, जबकि इन विद्यालयों में शिक्षक तैनात हैं। जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड की शासकीय प्राथमिक शाला साजाभवना और हर्राटिकरा इसका उदाहरण हैं।
साजाभवना स्कूल में एक भी छात्र नहीं है, फिर भी एक सहायक शिक्षक यहां कार्यरत हैं। वहीं हर्राटिकरा स्कूल में शून्य दर्ज संख्या के बावजूद एक प्रधान पाठक एवं दो सहायक शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षा विभाग का कहना है कि ऐसे विद्यालयों की प्रासंगिकता समाप्त हो चुकी है और यहां पदस्थ शिक्षकों को आवश्यकता वाले विद्यालयों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
वहीं दूसरी ओर राज्य के दूरस्थ और दुर्गम अंचलों में शिक्षकों की भारी कमी देखने को मिल रही है, जिसका सीधा असर विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर पड़ रहा है। जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के अंतर्गत आने वाले शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुंवारपुर में विषयवार शिक्षक नहीं होने से वर्ष 2024-25 में हायर सेकंडरी परीक्षा का परिणाम महज 40.68 प्रतिशत रहा। यह आंकड़ा राज्य के औसत परीक्षा परिणाम से काफी कम है।
मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान ग्रामीणों ने उठाई आवाज
कुंवारपुर प्रवास के दौरान स्वयं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष ग्रामीणों ने शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से विज्ञान, गणित एवं अंग्रेज़ी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, जिससे विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा नहीं मिल पा रही।
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