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UPSC में बिना कोचिंग हासिल की ऑल इंडिया 6th रैंक, इसके बावजूद नहीं बनीं IAS, क्या रही वजह

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, जिसे भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, हर साल लाखों उम्मीदवारों के लिए एक चुनौतीपूर्ण सफर साबित होती है. हालांकि, बहुत कम लोग इस परीक्षा को पास कर पाते हैं.

आज हम आपको एक ऐसी उम्मीदवार की प्रेरक कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने बिना किसी कोचिंग के सेल्फ-स्टडी के जरिए इस परीक्षा में छठी रैंक हासिल की. फिर भी वह आईएएस अफसर नहीं बनीं.

दरअसल, हम बात कर रहे हैं गहना नव्या जेम्स की, जिन्होंने 2022 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया छठी रैंक हासिल की. गहना, जो कोट्टायम जिले के पाला की रहने वाली हैं, उन्होंने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन और अनोखे फैसले से सभी को प्रेरित किया.

इंटरनेशनल रिलेशन में की PhD

गहना नव्या जेम्स ने पॉलिटिकल साइंस में MA किया और पोस्ट-ग्रेजुएशन में फर्स्ट रैंक हासिल की. उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पाला के अल्फोंसा कॉलेज से इतिहास विषय में की थी. गहना ने 10वीं तक चावारा पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की और फिर 11वीं व 12वीं कक्षा सेंट मैरी स्कूल से पूरी की.

पढ़ाई के दौरान उनकी इंटेलेक्चुअल एबिलिटी और एनालिटिकल अप्रोच ने उन्हें हर जगह टॉप पर बनाए रखा. अपनी शिक्षा को और आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने यूजीसी नेट परीक्षा पास की और जूनियर रिसर्च फेलोशिप हासिल की. इसके बाद उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशन में PhD करने का निर्णय लिया.

बिना कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी

यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को बिना किसी कोचिंग के पास करना आसान नहीं होता. लेकिन गहना ने इस चुनौती को भी आत्मविश्वास के साथ पार किया. उन्होंने कहा, “मैंने अपनी तैयारी के लिए खुद का कोर्स तैयार किया और अपनी ताकत और कमजोरियों को समझकर रणनीति बनाई.”

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गहना ने अखबारों और इंटरनेट का उपयोग करते हुए खुद को तैयार किया. वह बचपन से ही अखबार पढ़ती आ रही थीं, जिसने उनके सोचने की क्षमता को मजबूत बनाया. करंट अफेयर्स पर उन्होंने अपने छोटे भाई के साथ चर्चा की, जिसने उनकी तैयारी में और भी निखार आया.

उनके माता-पिता उन्हें कोचिंग के लिए कहीं भी भेजने को तैयार थे, लेकिन उन्होंने सेल्फ-स्टडी को चुना. गहना ने बताया कि उनके छोटे भाई ने उनके लिए मॉक इंटरव्यू आयोजित किए, जिससे उन्हें इंटरव्यू के लिए तैयार होने में काफी मदद मिली.

2021 में प्रीलिम्स नहीं कर पाईं थीं पास

गहना ने 2021 में भी यूपीएससी परीक्षा दी थी, लेकिन प्रीलिम्स पास नहीं कर पाईं. उन्होंने इसे अपनी असफलता नहीं माना, बल्कि एग्जाम के नेचर को समझने का एक प्रयास बताया. इसके बाद उन्होंने अपनी रणनीति पर और मेहनत की और 2022 में छठी रैंक हासिल कर ली.

आईएएस छोड़ने और आईएफएस चुनने का कारण

हालांकि छठी रैंक के साथ गहना IAS बनने के लिए पूरी तरह से योग्य थीं, लेकिन उन्होंने आईएएस के बजाय IFS को चुना. इसके पीछे उनकी प्रेरणा उनके चाचा, सिबी जॉर्ज थे, जो 1993 बैच के एक IFS अधिकारी और वर्तमान में जापान में भारत के राजदूत हैं.

गहना ने कहा, “मेरे चाचा मेरे लिए हमेशा प्रेरणा रहे हैं. उनकी विदेश सेवा में मौजूदगी ने मुझे अंतरराष्ट्रीय मामलों में रुचि लेने के लिए प्रेरित किया.” उन्होंने बताया कि उन्हें विदेश सेवा के माध्यम से देश का प्रतिनिधित्व करने और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर काम करने में अधिक रुचि है.

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Deepak Sahu

Editor in Chief

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