रमजान के पाक महीने की शुरुआत हो चुकी है. रोजेदारों ने रोजे की सारी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस्लाम में रोजा रखने के अलग-अलग नियमों के बारे में बताया गया है.
इसके अनुसार, कुछ लोगों का रोजा रखना वाजिब होता है. वहीं ये भी बताया गया है कि रोजा रखने के क्या नियम होते हैं. तो चलिए जानते हैं.
रोजे के दौरान न करें ये काम
इस्लाम में रोजे के दौरान कुछ काम ऐसे हैंं जिन्हें नहींं करना चाहिए. इन नियमोंं का रोजेदारों को पालन करना चाहिए.
● सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा का पालन करें और इस दौरान कुछ भी खाने-पीने से परहेज करें.
● केवल भूखा-प्यासा रहना ही रोजा नहीं है, बल्कि आंख, कान और जीभ का भी रोजा होता है. यानी रोजा के दौरान बुरा देखने, सुनने और बोलने से तौबा करें.
● रोजा रखने के दौरान शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए और ना ही बुरी सोच रखनी चाहिए. इससे रोजा टूट सकता है.
● रोजा के दौरान झूठ बोलने, बदनामी करने, झूठी गवाही देने, पीठ पीछे बुराई करने, झूठी कसम खाने जैसे काम भी न करें.
रोजे के दौरान क्या करना चाहिए
● रमजान में रोजेदार को रात के तीसरे पहर में अजान से पहले उठकर सहरी करनी चाहिए. इसके बाद रोजे की नीयत की जाती है, जिसके बाद रोजेदार सुबह की नमाज अदा करें.
● रोजाना की तरह दिनभर अपने निर्धारित काम-काज करें और दिन में ही जोहर व असर की नमाज अदा कर कुरान की तिलावत करें.
● शाम में अजान होने के बाद इफ्तार करने यानी रोजा खोलने के बाद तुरंत मगरीब की नमाज अदा करें.
● रात में ईशा की नमाज के बाद तरावीह पढ़कर सोएं. ● रमजान के महीने में रोजा रखने और अल्लाह की इबादत करने के साथ ही गरीब, लाचार और जरूरतमंदों की मदद करने से आम दिनों के मुकाबले 70 गुणा अधिक सवाब मिलता है.
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