छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: दिनांक 25 /12/ 2025 को अधिकारी कर्मचारी संघ तिवरता महासभा के तत्वाधान में एकदिवसीय प्रशिक्षण शिविर एवं प्रतिभा सम्मान समारोह माखनपुर पाली में आयोजित किया गया।
उपरोक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तानाखार पाली के विधायक श्री तुलेश्वर मरकाम जी उपस्थित रहे।
एवं प्रशिक्षण शिविर के मुख्य वक्ता के रूप में आदिवासी शक्तिपीठ के संरक्षक द्वय मोहन सिंह प्रधान, रघुवीर सिंह मार्को, शक्तिपीठ के उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र भगत एवं श्री गणेश मरपच्चि धर्माचार्य गोंडवाना कौन महासभा जी के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया प्रशिक्षण सत्र तीन सत्र में चला प्रथम सत्र में गोंडवाना गोंड महासभा के धर्माचार्य जी के द्वारा अपने प्रशिक्षण अवधि में गोंडवाना की एवं आदिवासियों की पूरी जानकारी पावर पॉइंट के माध्यम से दी गई ।

इस प्रथम सत्र में आदिवासी शक्तिपीठ के उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र भगत जो की प्रमुख वक्ता के रूप में अपने विचार रखें रूढ़ीगत परंपरा एवं संवैधानिक आदिवासियों को प्राप्त विधि के बल की संपूर्ण जानकारी दी। और उनके विषय था कस्टमरी ला पर अपना विचार रखना उन्होंने बहुत ही बेहतरीन ढंग से आए हुए प्रशिक्षार्थियों को जानकारी दी।
दूसरे सत्र में शक्तिपीठ के संरक्षक जो की प्रमुख वक्ता के रूप में मौजूद रहे जिन्हें समाज में शैक्षिक एवं आर्थिक विकास पर अपनी बात रखनी थी उन्होंने बहुत ही प्रभावशाली ढंग से अपनी बात को प्रशिक्षण शिविर में रखा श्री प्रधान ने कहा जीवन में उद्देश्य होना जरूरी है उद्देश्य विभिन्न इंसान के लिए हर छोटी चुनौती पहाड़ बन जाती है पर जिनके जीवन में लक्ष्य होता है वह कठिनाइयों को अवसर की तरह लेते हैं उनके लिए हर दिन नई ऊर्जा लेकर आता है क्योंकि वह जानते हैं कि उनका प्रयास पूर्ण तक सीमित नहीं है।

उन्होंने आगे कहा शिक्षा मानव पूंजी (ह्यूमन कैपिटल) मैं निवेश की तरह है जो किसी भी राष्ट्र के सतत आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है यह न केवल व्यक्तियों को सशक्त बनाती है बल्कि एक प्रगतिशील समृद्ध और प्रतिस्पर्धा समाज के निर्माण में मार्ग प्रशस्त करती है एवं शिक्षा आर्थिक विकास को कैसे बढ़ावा देती है उसे पर भी उन्होंने प्रभावशाली ढंग से अपनी बात रखी मानव पूंजी का निर्माण (ह्यूमन कैपिटल फॉरमेशन) लोगों का ज्ञान कौशल और महत्वपूर्ण सोच समझ को विकसित करती है एवं उत्पादक उत्पादकता और नवाचार सहित शिक्षा सभी पृष्ठभूमि के लोगों के लिए समान अवसर प्रदान करती है श्री प्रधान ने आगे कहा आज भी आदिवासी इलाकों में सरकारों को अपनी सोच में थोड़ी सी बदलाव लाने की जरूरत है राष्ट्रीय शिक्षा नीति राज्य की शिक्षा नीति एवं एक मानवी सोच के आधार पर शिक्षा की मुख्य समस्याएं भाषा संबंधी बढ़ाएं गरीबी खराब बुनियादी ढांचा और पढ़ाई को बीच में छोड़ने की उच्च दर इसके अलावा शिक्षकों की कमी अनुपस्थित और सांस्कृतिक पारंपरिक तरीकों से पलक पाठ्यक्रमों में चुनौती।

मुख्य समस्याएं भाषा संबंधी समस्याएं आदिवासी बच्चे स्कूल की मानक भाषा के बजाय अपनी स्थानीय भाषा में बात करते हैं , जिससे उन्हें पाठ को समझने में मुश्किल होती है।
गरीब परिवारों की आर्थिक अस्थिरता के कारण बच्चों को घर चलाने के लिए काम करना पड़ता है जिस स्कूल जाने के अवसर कम होते हैं।
एवं श्री प्रधान आगे कहा कई स्कूलों में आज भी पर्याप्त कक्षाएं शौचालय और पीने का पानी जैसे सुविधा नहीं होती इसलिए बुनियादी ढांचा की कमी भी एक कारण है।
आदिवासी बच्चे घर से दूरी और शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी जैसे कई कारणों की वजह से पढ़ाई छोड़ने को मजबूर है।
श्री प्रधान जी ने अपने प्रभावशाली प्रखर अंदाज में आगे का सांस्कृतिक और पारंपरिक तरीकों की अपेक्षा आधुनिक पाठ्यक्रम आदिवासी छात्रों को संस्कृति परंपरा और ज्ञान को शामिल नहीं करते जिसके लिए वह अपने आप को अलग-अलग महसूस करते हैं
दुख का विषय यह है की आज भी अभिभावकों में शिक्षा को लेकर जागरूकता की कमी है उचित मार्गदर्शन की कमी भी बच्चों की शिक्षा में बड़ी बाधा है आदिवासी बच्चों छात्रों के लिए बने छात्रावास में अक्सर खराब संरचना और घटिया भोजन की गुणवत्ता जैसी समस्याएं बरकरार हैं सरकार ने जरूर शिक्षा की पहल का एक प्रमुख घटक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय ( E, M,R S) जहां पर दूर दराज के बच्चों के लिए गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने की कोशिश की जाती है,, जिससे अवश्य ही आदिवासी बच्चों को इसका लाभ मिल रहा है लेकिन इस पर भी एक बहुत बड़ा समीक्षात्मक अध्ययन की आवश्यकता है शिक्षा जीवन का मूल आधार है अंत में श्री प्रधान ने बेहतर प्रशिक्षण शिविर हेतु संचालन कमेटी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इसी क्रम में शक्तिपीठ के संरक्षक मुख्य वक्ता के रूप में द्वितीय सत्र में अपनी बात रखी उन्होंने समसामयिक विषयों पर अपनी प्रभावशाली विचार रखें रखें अंत में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री तुलेश्वर सिंह मरकाम जी ने अपने विचार रखते हुए उपरोक्त गौरवशालीक्षण कार्यक्रम की शरण करते हुए इसे हर वर्ष करने एवं इस तरह की प्रशिक्षण शिविर की आवश्यकता पर बल दिया एवं अधिकारी एवं कर्मचारी संघ महासभा के सभी पदाधिकारी को बेहतर प्रेरणादाई कार्यक्रम आयोजित करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया अंत में समाज के उन बच्चों को जिन्होंने शैक्षणिक एवं खेलकूद में एवं पीएससी जैसे परीक्षाओं में अपने बेहतरीन प्रदर्शन किया है उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन अधिकारी कर्मचारी संघ के संरक्षक श्री निर्मल सिंह राज एवं श्री लक्की करलपे के द्वारा की गई उपरोक्त अवसर पर भारी संख्या में छात्र-छात्राएं अभिभावक एवं गण मान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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