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NCTE का बड़ा फैसला, फिर से आएगा इतने साल का B.Ed और M.Ed कोर्स, जानिए कौन कर पाएगा यह कोर्स

नई दिल्ली/स्वराज टुडे: नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने एक बड़ा फैसला लिया है। एक दशक पहले, B.Ed और M.Ed की अवधि को बढ़ाकर दो साल कर दिया गया था, लेकिन अब इसे फिर से एक साल का किया जा रहा है।

यह बदलाव 2026-27 से लागू होगा। इसका मतलब यह है कि योग्य कैंडिडेट्स के लिए शिक्षक बनने का रास्ता पहले से थोड़ा आसान हो जाएगा।

पहले B.Ed और M.Ed एक साल के ही होते थे, लेकिन 2014 में नए नियमों के तहत इन्हें दो साल का कर दिया गया। उस समय सरकार ने कहा था कि यह बदलाव कोर्स की क्वालिटी सुधारने और इसे ज्यादा प्रोफेशनल बनाने के लिए किया गया है। नए कोर्स में योग शिक्षा, जेंडर स्टडीज जैसे विषय जोड़े गए थे और इंटर्नशिप की अवधि भी बढ़ाई गई थी। उस समय सरकार का कहना था कि इससे टीचर एजुकेशन को बेहतर बनाया जा सकेगा।

हाल ही में NCTE की आम सभा की बैठक हुई, जिसमें नए नियमों पर चर्चा हुई। तय किया गया कि 2025 के ड्राफ्ट नियमों के तहत एक साल का कोर्स दोबारा शुरू किया जाएगा। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि दो साल वाला कोर्स पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा।

NCTE के चेयरमैन पंकज अरोड़ा के मुताबिक, एक साल का M.Ed कोर्स फुल टाइम होगा, जबकि दो साल का कोर्स उन लोगों के लिए रहेगा, जो पहले से शिक्षक या शिक्षा से जुड़े प्रशासनिक पदों पर काम कर रहे हैं। यानी दोनों तरह के कोर्स उपलब्ध रहेंगे, ताकि लोग अपनी जरूरत के हिसाब से चुनाव कर सकें।

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अब सवाल यह उठता है कि कौन लोग एक साल का B.Ed कर सकते हैं? इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें तय की गई हैं:

जो स्टूडेंट्स चार साल की ग्रेजुएशन (इंटीग्रेटेड डिग्री) कर चुके हैं या पोस्टग्रेजुएशन पूरा कर चुके हैं, वही एक साल के B.Ed कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।

अगर किसी ने तीन साल की ग्रेजुएशन की है, तो उसे दो साल का B.Ed ही करना होगा।

इस फैसले से उन लोगों को फायदा होगा, जो जल्द से जल्द शिक्षक बनना चाहते हैं। दो साल के लंबे कोर्स की वजह से कई लोग शिक्षक बनने से बचते थे, लेकिन अब यह प्रक्रिया तेज हो जाएगी।

शिक्षा जगत में इस फैसले को लेकर अलग-अलग राय है। कुछ लोगों का मानना है कि कोर्स छोटा होने से क्वालिटी पर असर पड़ सकता है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि इससे योग्य लोग जल्द से जल्द शिक्षक बन सकेंगे और शिक्षा क्षेत्र में सुधार होगा।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह फैसला लागू होने के बाद शिक्षा व्यवस्था पर क्या असर पड़ता है। NCTE जल्द ही इस पर फीडबैक मांगेगा और फिर फाइनल नियम बनाए जाएंगे।

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Deepak Sahu

Editor in Chief

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