Bandage से बढ़ सकता है Cancer और Liver Damage का खतरा ? रिसर्च में सामने आई ये बात

- Advertisement -

नई दिल्ली/स्वराज टुडे: ज्यादातर लोग चोट लगने पर बैंडेज का इस्तेमाल करते हैं. आपको इस बात को जानकर हैरानी होगी कि बैंडेज कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.

बैंडेज का इस्तेमाल सदियों से घावों को ढकने और उनकी रक्षा करने के लिए किया जाता रहा है. प्राचीन सभ्यताओं में लोग प्राकृतिक सामग्री जैसे पत्तियों, जानवरों की खाल और लकड़ी की छाल का उपयोग घावों पर लगाने के लिए करते थे.

बैंडेज घाव को बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों से बचाते हैं, जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं. कुछ बैंडेज ब्लीडिंग को रोकने में मददगार होते हैं. इनमें दर्द निवारक दवाएं होती हैं, जो दर्द से राहत दिला सकती हैं. साथ ही घाव को तेजी से ठीक करते हैं.

क्या होते हैं फॉरेवर केमिकल्स?

पर-एंड पॉली-फ्लोरो अल्काइल सब्स्टेंसेस (पीएफएएस) केमिकल कंपाउंड्स का एक समूह है, जो बहुत धीमे से एनवायरनमेंट में डीकंपोज होते हैं, जिसके कारण यह केमिकल्स एनवायरनमेंट में लम्बे समय तक बने रहते हैं. इन्हें ‘फॉरएवर केमिकल्स’ के नाम से भी जाना जाता है. यह केमिकल्स पानी या किसी भी तरल पदार्थ के प्रति प्रतिरोधी होते हैं. इसके कारण तेल, पानी, आग जैसी चीजें इन केमिकल्स पर नहीं ठहर नहीं पाती हैं. इसकी वजह से पहले इनका इस्तेमाल किया जात था.

आमतौर पर इनका इस्तेमाल नॉनस्टिक कुकवेयर, फूड पैकेजिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, अग्निशमन फोम, कालीन, ब्यूटी प्रोडक्ट्स में किया जाता है. हालांकि इसके फायदों के साथ-साथ इसके नुकसान भी होते हैं. रोजमर्रा के प्रोडक्ट्स में पीएफएएस की उपस्थिति कोई नई बात नहीं है. फूड पैकेजिंग से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट्स तक में इनकी मौजूदगी के कई सबूत देखे जा चुकें हैं. यह हानिकारक केमिकल्स लोगों के जीवन को कई तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं.

ये केमिकल्स एनवायरनमेंट और स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं. इनके कारण कैंसर और लिवर डिजीज का खतरा ज्यादा बढ़ रहा है. इसकी वजह से छोटे बच्चों में एलर्जी और अस्थमा का खतरा भी बढ़ रहा है. यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने, मोटापे और डायबिटीज की संभावना भी बढ़ा सकते हैं.

क्यों बढ़ रहा बैंडेज से कैंसर का खतरा ?

स्टडी के मुताबिक रोजाना बैंडेज का इस्तेमाल करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. इन बैंडेज में पीएफएएस मौजूद होता है. पीएफएएस का इस्तेमाल चिपकने वाले पदार्थों में किया जाता है. कई बैंडेज के चिपकने वाले भाग में ये केमिकल्स पाए जाते हैं. रिसर्च की मानें तो बैंडेज में जहरीले केमिकल्स का इस्तेमाल वाटरप्रूफ गुणों के लिए किया जाता है. स्किन पर पीएफएएस का संपर्क सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. यह केमिकल्स खुले घावों के जरिए ब्लड फ्लो में प्रवेश कर सकते हैं, जो शरीर में कई गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं.

Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी को प्रदान करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें: विद्यार्थियों से भरी स्कूली वैन अनियंत्रित होकर पेड़ से टकराई, सात बच्चे घायल

यह भी पढ़ें: विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी: डॉक्टर बनने का सपना अब होगा पूरा, 112 नए मेडिकल कॉलेज की मिली मंजूरी

यह भी पढ़ें: किराएदार को मिले 6 अधिकार, अब मकान मालिक नहीं कर सकेंगे मनमानी

दीपक साहू

संपादक

- Advertisement -

Must Read

- Advertisement -
506FansLike
50FollowersFollow
872SubscribersSubscribe

बेंगलुरु में गर्ल्स पीजी में घुसकर महिला की गला रेतकर की...

बेंगलुरु/स्वराज टुडे: कर्नाटक के बेंगलुरु में बिहार की एक 24 साल की महिला की हत्या का मामला सामने आया है। शहर के एक पीजी...

Related News

- Advertisement -