नई दिल्ली/स्वराज टुडे: दिल दहला देने वाली ये घटना 2010 की है. वो भयानक काली रात, जब उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुर के मीडिल क्लास घर में मौत की चीखें गूंजीं. एक नौजवान महिला की मौत से पूरा इलाका दहशत में आ गया. एक घर में एक युवती की सड़ी हुई लाश पुलिस को मिली, बगल में एक सुसाइड नोट पड़ा हुआ था, जो युवती का नहीं बल्कि उसके पति था.
पुलिस ने कर दिया था केस का खात्मा
इस सुसाइड नोट में लिखा था – मैं नरोत्तम प्रसाद, अपनी 25 साल की पत्नी रीता की मौत से दुखी हूं और नदी में कूद कर जान देने जा रहा हूं. लेकिन, डेड बॉडी देखने के बाद पता चला कि महिला के साथ क्रूरता हुई है. पुलिस को भी शक हुआ कि पीट-पीटकर हत्या की गई है. पुलिस ने नदीं के पास जांच किया, मगर कोई डेड बॉडी नहीं मिली. फिर धीरे-धीरे ये केस ठंडे बस्ते में चला गया. अब 15 साल के बाद इस केस की चर्चा होने लगी है. क्योंकि 15 साल बाद मुर्दा पति जिंदा मिल गया है.
हत्या के आरोप से बचने पति ने रची अद्भुत साजिश
मामला 2010 का है. नरोत्तम प्रसाद नाम का शख्स अपनी पत्नी की क्रूरता से हत्या करके फरार हो गया था. खुद को बचाने के लिए नाटकीय ड्रामा रचा. एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें लिखा कि वह नदी में कूदकर जान दे रहा है. पुलिस ने रीता का सड़ा-गला शव बरामद किया, जिसमें कई चोटें थीं. नरोत्तम गायब हो गया, मगर जांच में नदी में कोई शव नहीं मिला. केस फाइल किया गया, धीरे-धीरे केस सो गया. लेकिन, अपराध का साया कभी पीछा नहीं छोड़ता. आज 15 साल बाद आरोपी पति गिरफ्तार हो गया.
15 साल बाद ऐसे खुला राज
15 साल बाद, गुजरात के एक छोटे शहर में एक फैक्ट्री मैनेजर के रूप में काम करते हुए पाया गया हत्यारा नरोत्तम. अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद शहर-दर-शहर घूम-घूमकर नौकरियां कीं. हर जगह नया नाम, नए चेहरे के साथ रहने लगा था. लेकिन, आखिरकार 15 साल बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सफलता मिली. खुफिया इनपुट मिला कि नरोत्तम गुजरात में छिपा है. उसके बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने रेड मारकर छोटा उदयपुर से गिरफ्तार कर लिया.
कानून की गिरफ्त में आते ही कबूल किया अपराध
पुलिस ने बताया कि ‘प्रसाद ने घरेलू झगड़ों में गुस्से में पत्नी को मारा. फिर, सुसाइड का नाटक रचा. 15 साल तक शहर बदल-बदल कर भागा.’ आरोपी राजस्थान का रहने वाला है. पुलिस ने कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की है. परिवार ने बताया, ‘वह MBA था, लेकिन अपराध की दुनिया में डूबा.’ पुलिस अब उसके फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन खंगाल रही. प्रसाद के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या) और सबूत मिटाने के आरोप लगा है. न्याय मिलने से रीता के परिवार ने राहत की सांस ली है. मृतका रीता के भाई बोले, ‘देर से ही सही, लेकिन मेरी बहन को न्याय मिला.
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