महिला आयोग के अध्यक्ष द्वारा समझाईस पर पुलिस आरक्षक ने भरण-पोषण हेतु 5 लाख 50 हजार रूपये आवेदिका को देने, एक प्रकरण में 05 लाख रूपये देने एवं आपसी रजामंदी से तालाक लेने को तैयार हुआ।
कोरबा/स्वराज टुडे: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जिला कलेक्ट्रोरेट सभा कक्ष कोरबा में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर पर 354 व कोरबा जिले में 11 सुनवाई हुई। आज के सुनवाई के दौरान अनावेदक कमांक 01 और 02 उपस्थित अनावेदक को एसपी कोरबा को पत्र लिख कर ए.एस.आई के माध्यम से पत्र लिखकर आयोग की सुनवाई में आवश्यक रूप से उपस्थित रखे। अनावेदक कमांक 03 आनावेदिका कमांक 02 का पति है उसने बताया कि अनावेदिका विधिवत विवादिता पत्नी है साथ उसके घर में निवास कर रही है जिसका प्रमाण अनावेदक के पास है जिसकी अगली सुनवाई रायपुर में प्रकरण की जायेगी।
आवेदिका ने बताया कि थाना कुसमुण्डा में एफ.आई.आर. दर्ज करा दिया है जिसका न्यायालय कटघोरा में चल रहा है एफ.आई.आर. की छायाप्रति आवेदिका ने जमा किया है प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
दोनों पक्ष आपस में उपस्थित हुई शिकायत का निराकरण उच्चाधिकारी द्वारा करा दिया गया है। अब कोई कार्यवाही नहीं चाहते प्रकरण निराकरण तथा नस्तीबद्ध किया गया।
आवेदिका ने अनावेदकगण के खिलाफ शिकायत किया है अनावेदकगण ने पुलिस थाने में आवेदिका के खिलाफ पुलिस में शिकायत किया उसकी प्रतिकिया है तथा आवेदिका ने विभाग से स्थानातंरण का दस्तावेज दिया है आवेदिका स्थानान्तरण के बावजूद रिलीफ नहीं होती है तो महिला आयोग में कार्यवाही की धमकी देती है। अनावेदक को समझाईस दिया सार्वजनिक स्थल पर रात के समय आवारा पशुओं को भोजन कराने के प्रयास बंद करें शासन कह अनुमति से ही निर्धारित समय में भोजन प्रदाय करने की प्रयास करें। इस समझाईस के साथ इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। दोनों पक्षों को निर्देशित किया गया कि इस आर्डरशीट की प्रमाणित प्रति प्राप्त करें तथा भविष्य में इस तरह की घटना पुनरावृत्ति होने पर एक दूसरे के खिलाफ कार्यवाही करा सके।
दोनों पक्ष उपस्थित आवेदिका की मां स्व. कमला बंजारे ने अनावेदक का हाउसिंग दीनदयाल एल.आईजी. 21 का मकान खरीदने के लिये वर्ष 2014 से लेकर अनावेदक ने उस मकान का रजिस्ट्री आवेदिका की मां के नाम पर नहीं कराया उन्हें रहने के लिए उस मकान का कब्जा 2014 से दे दिया है जिसमें आवेदिका और उसकी मां निवासरत थे अनावेदक ने आयोग की सुनवाई में स्वीकार किया है कि उसने आवेदिका की मां से 02 लाख रूपये नगद व 3.50 लाख का चेक लिया था जिसकी पुष्टि अनावेदक ने 2023 थाना कटघोरा के पत्रों में लिखा है आज कहता है कि 3.50 लाख उसके खाते में नहीं आया है और चेक डिसआनर की शिकायत भी नहीं किया है। इससे स्पष्ट होता है कि अनावेदक झूठ बोल रहा है कि उसे 3.50 लाख रूपये नहीं मिले है चेक दिनांक 23.12.2015 की तारिख से लेकर अनावेदक सखी सेंटर के समक्ष उपस्थित हो तथा आवेदिका की बैंक स्टेटमेंट लेकर उपस्थित हो जिससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि आवेदिका ने अनावेदक को 3.50 लाख रूपये दिया है अथवा नहीं में किया जायेगा। प्रकरण आगामी सुनवाई जनवरी 2026 में किया जावेगा।
अनावेदकगण के द्वारा आवेदिका के घर से 06 गाय, मोटर साइकिल और सोने चांदी के जेवर और मंहगे सामान लेकर चले गये और आवेदिका के साथ छेड़छाड़ भी किये अनावेदक ने कहा आवेदिका की मां 1 लाख 20 हजार उधार लिया था जिसके एवज में पैसा नहीं पाने पर आवेदिका की 06 गाय आवेदिका की मां ने दिया था इस स्तर पर आवेदिका की मां ने बताया कि इसने महज 1 लाख रूपये उधार लिया था 40 हजार दे दिया था तथा शेष बकाया 60 हजार रूपये 06 माह के अंदर देने के लिये एक स्टांप पेपर में भी लिखा पढ़ी किया था जिसे अनावेदक ने फाड़ दिया है या जिसे आवेदिका ने संभाल कर रहना है जिसे फौरेन्सिक एक्सपर्ट से जांच कराने के लिये दिया जा सकता है इस प्रकरण में अनावेदक ने स्वीकार किया कि उसने 06 गाय रखना स्वीकार किया है और उसे बेचना भी स्वीकार किया है इससे यह स्पष्ट है कि अनावेदकों ने आवेदिका की सम्पत्ति छीनी है और उसका मिसयूज भी किया है। सखी प्रसाशिका के पास अनावेदकगण उपस्थित हों और सारे समस्या का निपटारा करने के लिये तथा आवेदिका की 06 गाय का मूल्य देने पर सहमति दे या उसका पैसा दें यदि अनावेदकगण 02 दिवस में सखी सेंटर उपस्थित नहीं होते है तो आवेदिका अनावेदकगण के खिलाफ एफ.आई.आर. थाने में दर्ज करा सकेगी इसके लिये पुलिस लाइन से उपस्थित प्रधान आरक्षक एवं रामपुर थाना के आरक्षक को जिम्मेदारी दिया गया। सभी अनावेदक के खिलाफ रिर्पोट दर्ज कराने में आवेदिका को सहयोग करें। सखी प्रशासिका 01 माह के अंदर रिर्पोट आयोग में प्रस्तुत करें।
उभयपक्ष विवाह के 08 साल से अगल रहा है उभयपक्ष का एक पुत्र था जिसकी दुघर्टना मुत्यु हो चुकी है इस कारण अब दोनों का साथ रहना संभव नहीं है अनावेदक पुलिस आरक्षक के पद पर मालखरौदा सक्ती में है आयोग के द्वारा समझाइस देने पर अनावेदक ने 5.50 लाख रूपये एक मुश्त भरण पोषण देना स्वीकार किया। जिसके बाद आपसी रजामंदी से दोनों के बीच तालाक का आवेदन भी न्यायालय में लगाया जायेगा इस हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण व सखी प्रसाशिका को नियुक्त किया जाता है दोनों पक्ष के मध्य लिखित एग्रीमेंट बनवाकर उसमें लिखित उल्लेखित करेंगे 02 किश्तों में अनावेदक कुल 5.50 लाख रूपये आवेदिका को देगा और आवेदिका आपसी राजीनामा के तलाक के आवेदन पर हस्ताक्षर करेगी। न्यायालय का खर्च अनावेदक के द्वारा किया जावेगा। प्रकरण सखी की निगरानी में दिया जाता है दोनों पक्षों के बीच पैसे को अदान प्रदान और तलाक की प्रक्रिया पूर्ण होने पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जावेगा।
अनावेदक ने एकमुश्त 60 हजार देना स्वीकार किया जिसके आधार पर आपसी राजीनामा से तलाक लेना होगा प्रकरण सखी प्रसाशिका को सुपुर्द किया जाता है और प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अनावेदकगण की ओर से अधिवक्ता दिल्ली हाईकोर्ट की उपस्थिति हुए उनके द्वारा बताया गया कि यदि आवेदिका चाहेगा सुलाहनामा के लिए तैयार है आवेदिका सुलहनामा के लिये तैयार नहीं है आवेदिका जीरो एफ.आई.आर. पर थाना फेफना राजस्थान में दर्ज हुआ जिसे थाना रायपुर जांच के लिये भेजा गया है जिस पर अब तक कोई शीघ्र कार्यवाही नहीं हुई है जिस पर आयोग के द्वारा गंज थाना रायपुर को निर्देशित किया जाता है कि प्रकरण पर शीघ्र चालान प्रस्तुत करे तथा रिर्पोट मिलने पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जायेगा।
उभयपक्षों को समझाइस देने पर दोनों पक्षों के मध्य तलाक देने पर सहमति बनी है कि अनावेदक आवेदिका को भरण-पोषण का 05 लाख रूपये 02 किश्तें में देगा और नजूल की 8 डिसमिल जमीन आवेदिका के नाम और उसके पुत्र के नाम पर करेगा इसके एवज में दोनों पक्षों के बीच आपसी राजीनामा से तलाक करायेंगे इसके लिये विधिक सेवा से अधिवक्ता नियुक्त किया गया है।
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