छत्तीसगढ़
बिलासपुर/स्वराज टुडे: रेल मंडल बिलासपुर अंतर्गत दो दिन पहले यानी 4 नवंबर मंगलवार को गतौरा के पास बड़ा ट्रेन हादसा हुआ था जिसमें मालगाड़ी से मेमू पैसेंजर ट्रेन जा टकराई थी। इस भीषण हादसे में 12 लोगों की मौत और 20 से अधिक यात्री घायल हो गए थे। अभी इस हादसे के सदमे से लोग उबरे भी नही थे कि आज एक बार फिर ऑटो सिग्नलिंग सिस्टम की वजह से एक ही ट्रैक पर 3 रेलगाड़ियां आ गयी, जिसमें 2 मालगाड़ियों के बीच एक पैसेंजर ट्रेन थी।
ये घटना कोटमीसोनार और जयरामनगर के बीच की है, जहाँ गुरुवार सुबह पैसेंजर मेमू ट्रेन के रुकते ही यात्रियों ने बाहर झांक कर देखा तो नजारा कुछ ऐसा था कि यात्रियों की रूह कांप गई ।
पैसेंजर ट्रेन के सामने भी एक मालगाड़ी थी और पीछे भी एक मालगाड़ी। तीनों ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आ जाने से यात्रियों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया और कुछ यात्री ट्रेन से उतरकर दूर खड़े हो गए, जिसके बाद कंट्रोल रूम को सूचना दी गई और मालगाड़ियों को दूसरे ट्रैक पर रवाना किया गया। इस घटना से एक बार फिर हड़कंप मच गया है हालांकि घटना की आधिकारिक पुष्टि नही हुई है, लेकिन वायरल वीडियो और फोटो पूरी स्थिति बयां कर रही है।
रेलवे ने कहा ऑटो सिग्नलिंग प्रणाली सामान्य..
घटना को लेकर खबर सामने आते ही रेलवे ने यह कहा कि ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली सामान्य परिचालन है। इस प्रणाली में प्रत्येक किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल लगाए जाते हैं, जिसमें हर सिग्नल के बाद दूसरी ट्रेन चल सकती है । मालगाड़ी और यात्री गाड़ियों के लिए अलग – अलग ट्रैक नहीं होती है, दोनों एक ही ट्रैक पर चलती है और एक दूसरे के पीछे चलाई जाती है। रेलवे की ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली एक सुरक्षित कार्यप्रणाली है, और इस रेलखंड में 2023 से लागू है।
बहरहाल रेल प्रबंधन ने अपनी सफाई देकर लोगों के जेहन में चल रहे संशय को समाप्त कर दिया है , लेकिन मेमू लोकल ट्रेन हादसा भी तो कुछ इसी तरह की स्थिति निर्मित होने पर हुआ था । इस सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता ।
यह भी पढ़ें:जिस बस को चला रही पत्नी उसी में टिकट काटता है पति, दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बना ये कपल
यह भी पढ़ें:हसदेव नदी में कार्तिक स्नान के दौरान 12 वर्षीय छात्र की डूबकर मौत
यह भी पढ़ें:डॉक्टर से सगाई के एक माह बाद गंगा नदी में कूद गई यूपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा, सर्च ऑपरेशन जारी

Editor in Chief




















