कोलकाता/स्वराज टुडे: कलकत्ता “सिटी ऑफ जॉय” जो दुर्गा पूजा के लिए उत्साहित थी आज जलमग्न क्यों? सोमवार की रात से मंगलवार की अगली सुबह तक भारी बर्षा के कारण सारा शहर अस्त-व्यस्त हैं, Indian Metrological Department के अनुसार शहर में 185.6 mm की बारिश हुई और यह दर समय समय पर अलग हैं, लेकिन यह शहर में सबसे अधिक बारिश की दर कहीं जा ररही हैं जिसने सारे शहर को थाम सा दिया हैं।
कलकत्ता ऐसा शहर है जो हर समय चहल-पहल में रहता हैं और दुर्गा पूजा में पूरा भारत विशेषकर उत्तर भारत माँ शक्ति की आराधना में जुटा रहता हैं, लेकिन इस भयंकर बारिश ने पश्चिम बंगाल के प्रमुख शहर को जैसे रोक ही दिया हैं।
भारी बारिश का कारण ?
उत्तरपूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दाब का क्षेत्र बनने के कारण तटीय इलाकों में इतनी भयावह बारिश हुई और पूरे शहर को जाम कर लिया हैं। 22 सितंबर से ही शहर की हालत नाजुक हैं और सभी स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं जिससे दुर्गा पूजा में पूरा शहर मदमस्त हों। उत्तरपूर्व बंगाल की खाड़ी के साथ साथ उत्तर-पश्चिम से सटे सभी इलाकों में निम्न दाब बनने के कारण भारी बारिश की संभावना हैं। बारिश से सामान्य जीवन विशेषकर आबा-जाबही बुरी तरीके से प्रभावित हुई हैं।
कलकत्ता और दुर्गा पूजा
कलकत्ता एक ऐसा शहर है जो माँ काली की आराधना में सबसे आगे कहा जाता हैं, और नवरात्रि माँ दुर्गा के हर रूप को समर्पित त्यौहार हैं, यह संस्कृति और परंपरा से जुड़ा हैं, नवरात्रि में माँ को समर्पित झकियाँ बड़े धूम धाम से सजाई जाती हैं। इस बार भी कहीं राष्ट्रीय theme और भारतीय सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखते हुए झकियाँ सजाई गई है श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण केंद्र बनी हैं। लेकिन कलकत्ता में हुई भयंकर बारिश ने पूरे शहर की आभा को जैसे कहीं ओझल कर दिया हैं।
इतनी भयंकर बारिश का होना कहीं बार प्रकति के विरुध्द किए जा रहे मानव हस्तक्षेप का परिणाम माना जाता हैं, और यह सत्य भी है जलवायु परिवर्तन ने मानव के सामान्य जीवन पर ही प्रश्न खड़ा कर दिया हैं। सरकार क्या कदम उठाती हैं, यह भी एक प्रश्न है जो आम जनता और हर नागरिक को सोचना चाहिए, क्या हम मौसम मे हो रहे बदलाव के लिए तैयार हैं? क्या हमारे शहर जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए तैयार हैं?

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