भोपाल/स्वराज टुडे: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में छात्राओं से दुष्कर्म कर उन्हें ब्लैकमेल करने का अजमेर जैसा झकझोर देने वाला कांड सामने आया है। रायसेन रोड स्थित टीआईटी कालेज में मुस्लिम छात्रों ने हिंदू छात्राओं को निशाना बनाते हुए उन्हें प्रेम जाल में फंसाया और फिर दुष्कर्म कर उसका वीडियो बनाया।
उसी वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर दरिंदों ने पीड़िताओं की सहेलियों को भी बुलाकर दुष्कर्म किया।
रविवार को एक पीड़ित छात्रा ने हिम्मत कर बागसेवनिया थाने में पहली शिकायत दर्ज कराई।इसके बाद पुलिस को दो और शिकायते मिलीं। पुलिस इस मामले को चार दिनों तक छिपाती रही।अब जाकर बागसेवनिया पुलिस ने जीरो पर कायमी कर अशोकागार्डन, जहांगीराबाद और ऐशबाग थाने में केस ट्रांसफर किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने चार अफसरों का विशेष जांच दल गठित कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपित फराज खान और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें दर्जन भर अन्य लोग भी शामिल हैं जिनकी तलाश की जा रही है।
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार दो आरोपितों के मोबाइल से कई युवतियों के साथ दुष्कर्म के वीडियो मिले हैं। वीडियो में आरोपित युवक दुष्कर्म करते हुए छात्राओं से धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहते भी दिखाई दिए हैं। घटना के समय कई छात्राएं नाबालिग थीं, जिसके चलते पुलिस ने आरोपितों के विरूद्ध पाक्सो व धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम का मामला भी दर्ज किया है।
दरिंदों ने पूरा जाल बुना था
पुलिस की अब तक की पड़ताल में सामने आया है कि आरोपितों ने ब्लैकमेलिंग से जिस्मफरोशी का पूरा जाल बुना था। ये दरिंदे दुष्कर्म की शिकार छात्राओं के वीडियो दिखाकर उसे वायरल करने की धमकी देते। उससे डरी छात्राओं को दूसरे मुस्लिम युवकों को सौंप देते। उसके बाद उन छात्राओं को अपनी सहेलियों को किसी खास जगह बुलाने के लिए दबाव बनाते।
पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि पुलिस को अब तक चार छात्राओं से दुष्कर्म कर ब्लैकमेल की जानकारी मिली है। एसआईटी सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। कई वीडियो भी उनके मोबाइल में मिले हैं। पुलिस अन्य युवतियों की तलाश भी कर रही है। इस मामले में और खुलासा होने की पूरी संभावना है।
पूरे देश को हिलाकर रख दिया था अजमेर सेक्स स्कैण्डलक्या
1992 के अजमेर बलात्कार कांड मामले में राजस्थान के अजमेर में एक सौ से अधिक स्कूल और कॉलेज की लड़कियों के साथ सिलसिलेवार सामूहिक बलात्कार और ब्लैकमेलिंग की घटना शामिल थी। अपराधी फ़ारूक और नफीस चिश्ती के नेतृत्व में युवकों का एक समूह 1992 के दौरान वे पीड़ितों को दूरदराज इलाके या फार्महाउस में फुसलाकर ले जाते थे और उनका वहाँ सामूहिक रूप से यौन शोषण करते थे। इसके अलावा वे उन लड़कियों की नग्न तस्वीरें खींचकर उन्हें ब्लैकमेल करते थे ताकि वे अपना मुँह बंद रख सकें।
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