ताज हमले में आतंकवादियों को धूल चटाने वाला एनएसजी कमांडो आखिर आज क्यों है जेल में बंद, पढ़िए दिल को झकझोर देने वाली खबर

- Advertisement -
Spread the love

गुजरात
राजकोट/स्वराज टुडे: ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो में आतंकवादी के पैर में गोली मारने वाले कमांडो, करगिल में चार आतंकवादियों को मार गिराने वाले जवान जिगर व्यास, जो 26/11 हमले में आतंकियों के खात्मे के लिए एनएसजी की टीम का हिस्सा थे, आज राजकोट जेल में बंद हैं।

“हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था अपनी कश्ती भी डूबी वहां जहां पानी कम था ”  अजय देवगन की फिल्म का यह डायलॉग कभी-कभी जीवन में सच्ची घटनाओं के रूप में सामने आते हैं।

आज हम एक ऐसे एनएसजी कमांडो के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने देश के दुश्मनों का बहादुरी से सामना किया, लेकिन अपने परिवारिक जीवन में आए संकट से हार गया। जिगर व्यास का जन्म भावनगर में हुआ था। 2000 में उन्हें 9 पैरा स्पेशल फोर्स में हेड कांस्टेबल के तौर पर नियुक्त किया गया। उनकी पहली पोस्टिंग मणिपुर में हुई, जहां उन्होंने अपने कार्यकाल में तीन माओवादियों को मार गिराया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर और फिर 2008 में उन्हें 51 स्पेशल एक्शन ग्रुप (एसएजी) में एनएसजी कमांडो के रूप में तैनात किया गया।

26/11 हमले में भूमिका

51 एसएजी को 26/11 के मुंबई हमले में आतंकियों का खात्मा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिगर व्यास भी इस टीम में थे। उन्होंने एक आतंकवादी को पैर में गोली मारी और ऑपरेशन के दौरान खुद भी घायल हो गए। इसके बावजूद उन्होंने 36 घंटे तक मोर्चा संभाला।

परिवारिक संघर्ष और जेल की सजा

2015 में, जब जिगर व्यास की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के अखनूर में थी, उनकी 4 साल की बेटी ने फोन कर बताया कि उनकी अनुपस्थिति में “दूसरे पापा” आते हैं और उसे मारते हैं। इस घटना ने जिगर व्यास को हिला कर रख दिया।

जिगर व्यास ने जब अपनी पत्नी चेतना से बात करने की कोशिश की, तो उसने तलाक की मांग की। जिगर 12 फरवरी 2015 को भावनगर पहुंचे, जहां उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी किसी उद्योगपति देवेंद्र शर्मा के साथ रह रही है। पुलिस की मौजूदगी में उन्होंने तलाक का फैसला किया।

14 फरवरी 2015 को, जब जिगर व्यास देवेंद्र शर्मा के फ्लैट पर पहुंचे, तो उन्होंने अपनी पत्नी और देवेंद्र को आपत्तिजनक स्थिति में पाया। गुस्से में देवेंद्र ने जिगर पर गोली चला दी। आत्मरक्षा में जिगर ने भी गोली चलाई, जिसमें देवेंद्र की मौत हो गई और चेतना घायल हो गई। इसके बाद जिगर ने पुलिस में आत्मसमर्पण कर दिया।

सेना की अपील और वीरता के लिए सम्मान

भावनगर कोर्ट ने 2016 में जिगर व्यास को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सेना ने 2019 में हाईकोर्ट से अपील की कि देश को जिगर व्यास जैसे बहादुर जवान की जरूरत है।

15 साल की सेवा के दौरान जिगर व्यास चार बार गोली का शिकार हो चुके हैं। उन्हें राष्ट्रपति द्वारा सात वीर चक्र प्रदान किए गए हैं।

मां की दुर्दशा

जिगर व्यास के पिता का पहले ही निधन हो चुका है। उनके जेल में होने के कारण उनकी 64 वर्षीय मां दयनीय स्थिति में हैं। एक बेबस बुजुर्ग मां सरकार से कई बार मदद की गुहार लगा चुकी है कि उनके बेटे को जेल से रिहा कर दिया जाए। लेकिन सरकार के कानों तक उनकी आवाज नहीं पहुंची है।

देश के दुश्मनों को धूल चटाने वाला जांबाज सिपाही आज अपनों के विश्वासघात के कारण जेल की चार दिवारी में कैद होकर रह गया है ।

यह भी पढ़ें: झूठे एफआईआर पर कोर्ट ने युवती को लगाई फटकार, लगाया जुर्माना

यह भी पढ़ें: बिहार का कुख्यात गैंगस्टर हरियाणा में ढेर, कौन था सरोज राय? जिसने AK-56 से मचा दी थी दहशत

यह भी पढ़ें: नकाबपोश युवती मोबाइल दुकान से 2 स्मार्ट फोन लेकर हुई फरार, CCTV में कैद

दीपक साहू

संपादक

- Advertisement -

Must Read

- Advertisement -
515FansLike
50FollowersFollow
1,080SubscribersSubscribe

खरसिया के श्री शंकराचार्य पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास से मनाया गया...

छत्तीसगढ़ खरसिया/स्वराज टुडे:  22 दिसंबर को खरसिया नगर के श्री शंकराचार्य पब्लिक स्कूल में शानदार एनुअल डे सेलिब्रेशन मनाया गया जिसमे करीबन 500 बच्चो ने...

Related News

- Advertisement -