मुस्लिमों के इस पवित्र देश में इस्लाम से पहले हिंदू धर्म! रेगिस्तान में मिला 4000 साल पुराना शहर, हुए चौंकाने वाले खुलासे

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नई दिल्ली/स्वराज टुडे: दुनियाभर के मुस्लिमों के लिए सबसे पवित्र जगह सऊदी अरब माना जाता है. ऐसे में यहां पुरातत्‍वविदों ने एक 4 हजार साल पुराने शहर की खोज की है. इस शहर से पुरातत्‍वविदों को आधुनिक सभ्‍यता का अंश मिला है.माना जाता है कि यह शहर अभी तक दुनिया से छिपा हुआ था.

इस किलेबंदी वाले शहर को अल-नताह बताया गया है. इतना ही नहीं यहां पर कम से कम 500 लोग भी रहते हैं. ये सभी एक समय में घुमंतू लोग थे लेकिन उन्‍होंने 2400 ईसा पूर्व में कम से कम 50 कई मंजिल वाली इमारत का निर्माण कर दिया. यह पूरा एरिया 269,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है. यह शहर सऊदी अरब के खैबर नखलिस्‍तान के पास में स्थित रेगिस्‍तान में था. इससे पहले इस इलाके को एक बंजर क्षेत्र के रूप में सब जानते थे. जहां मकबरा बने हुआ हैं और घुमंतू रहते हैं.

दरअसल सऊदी अरब में पैगंबर मोहम्‍मद साहब का जन्‍म 570 ईस्‍वी में हुआ था और तभी से इस्‍लाम का इतिहास जाना जाने लगा. एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सभ्‍यता को इसलिए आधुनिक कहा जा रहा है क्‍योंकि उन्‍होंने एक व‍िशाल मकबरा बनाया था जहां पर उन्‍होंने अपना अवशेष और धातुओं से बना हथियार रखा था. इन हथियारों में कुल्‍हाड़ी और भाला शामिल था. वहीं अल नताह शहर आवासीय, निर्णय लेने वाला जोन, कब्रिस्‍तान के इलाके में बंटा था. इस शहर का आकार कुछ ऐसी थी. ये सब आपस में छोटी-छोटी गलियों और लंबे व्‍यापार रास्‍ते से जुड़े हुए थे. हाल में हुए खोज से पता चला है कि यह अल नताह शहर एक भेदभावरहित समाज था. जहां किसी के साथ किसी प्रकार को कोई भेदभाव नहीं था. फिर चाहे वो नस्ल, वर्ग या पैसे के आधार पर ही क्यों ना हो.

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सऊदी अरब में एक 4 हजार साल पुराने शहर की खोज

दुनिया में इंसानों के इतिहास में सबसे प्राचीन शहर तुर्की में बसाया गया काटलहोयुक था जो 7400 ईसा पूर्व से 5200 ईसा पूर्व के बीच बसाया गया था. इस शहर में करीब 10 हजार लोग रहते थे. पेरिस स्थित द फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च ने बताया कि अल नताह शहर लंबे समय तक काली ज्वालामुखी की चट्टानों के नीचे दबा रहा, जिससे यह अवैध तरीके से खुदाई करने वाले लोगों से बचा रहा. जानकारी के अनुसार अल नताह को शुरू में 15 साल पहले तलाश किया गया था, उस समय शोधकर्ताओं ने सैटलाइट की तस्‍वीरों के आधार पर रास्‍तों और घरों की नींव का खुलासा किया था.

269,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है पूरा क्षेत्र

वहीं अल नताह के थ्री-डी नक्‍शे से पता चला कि 55 से लेकर करीब 70 घर बने हुए हैं. फिलहाल इस ढांचे को देखकर लग रहा है कि ये इमारतें दो या तीन मंजिल बनी हुई थीं. माना जा रहा है कि कुछ हिस्‍सों का इस्‍तेमाल सामान रखने के लिए किया जाता था. यह शोध PLOS जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इस शहर में मिले हथियारों से पता चलता है कि यहां के लोग आधुनिक धातुओं के इस्‍तेमाल से भी परिच‍ित थे. इन हथियारों और शहर के चारों ओर किलेबंदी वाली व‍िशाल दीवार से संकेत मिलता है कि यहां लोग खुद को संभावित हमलों से बचाने के लिए कई तरीके विकसित का प्रयोग कर चुके हैं.वैसे यह शहर 1500 ईसापूर्व से 1300 ईसापूर्व के बीच खाली हो गया था और इसके कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है. शोधकर्ताओं का अनुमान है कि यह बीमारी या जलवायु परिवर्तन की वजह से हुआ होगा.

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दीपक साहू

संपादक

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