छत्तीसगढ़
बिलासपुर/स्वराज टुडे: शुक्रवार की दोपहर जेल चौक के पास आरक्षकों के बीच कैदी को जेल दाखिल कराने की बात को लेकर जमकर मारपीट हो गई। बीच चौक पर वर्दीधारियों के बीच हो रही मारपीट होते देख लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई।
इसी बीच किसी ने घटना की सूचना सिविल लाइन थाने में दी। इस पर टीम भी मौके पर पहुंच गई। जवानों ने दोनों आरक्षकों को अलग किया। इसके बाद उन्हें घर भेज गया। इधर घटना की शिकायत किसी ने थाने में नहीं की है।
पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक विष्णु चंद्रा और विनय ठाकुर की कुछ दिनों पहले जेल से कैदियों की पेशी कोर्ट में कराने लगी थी। दोनों जेल से कैदी को लेकर कोर्ट गए थे। कोर्ट में तबीयत खराब लगने पर विष्णु चंद्रा वहीं लगे बेंच पर आराम करने लगे। उन्होंने साथी आरक्षक विनय को कैदी की पेशी कराने के बाद जगाने के लिए कहा था। इधर विनय ने पेशी कराई। इसके बाद वह कैदी को लेकर अकेले ही जेल चला गया। इधर आरक्षक विष्णु चंद्रा कुछ देर बाद अपने साथी आरक्षक की तलाश करने लगा। दोनों के नहीं मिलने पर वह जेल गया। वहां पर पता चला कि कैदी जेल दाखिल हो चुका है। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद भी हुआ था।
बताया जाता है कि शुक्रवार की दोपहर विष्णु शराब के नशे में था। उसने विनय को मोबाइल पर कॉल करके पुरानी बात को लेकर विवाद करना शुरू कर दिया। बताया जाता है कि इस दौरान विनय की ड्यूटी कैदी की पेशी कराने में लगी थी। मोबाइल पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर वह भी तैश में आ गया। वह सीधे जेल चौक पहुंचा। आरक्षक के पहुंचने पर दोनों के बीच विवाद और मारपीट होने लगा। इधर वर्दी वालों के बीच सड़क पर हो रहे मारपीट को देख लोग वहां पर रुकने लगे। इसकी सूचना पर सिविल लाइन की टीम भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने दोनों को अलग कर उनके घर भेजा।
इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने लगा वीडियो
बीच सड़क पर वर्दीवालों के बीच मारपीट की घटना का किसी ने अपने मोबाइल पर वीडियो बना लिया। कुछ ही देर बाद वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने लगा। इधर मारपीट के बाद दोनों आरक्षक वहां से चले गए। किसी ने मारपीट की शिकायत थाने में नहीं की है। वीडियो वायरल होने के बाद लोग वर्दी वालों के बीच हुई मारपीट को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
सड़क पर लगा जाम
वर्दीवालों के बीच मारपीट होते देख लोग वहां पर रुकने लगे। कुछ ही देर में जेल चौक पर जाम की स्थिति बन गई। इधर घटना की सूचना पर सिविल लाइन थाने में पदस्थ एएसआइ अमृत साहू अपनी टीम के साथ वहां पर पहुंचे। उन्होंने दोनों आरक्षक को समझाइश दी। साथ ही आरक्षक विनय को समझाकर उसे ड्यूटी पर भेजा। इसके बाद वहां पर मौजूद जवानों ने भीड़ को नियंत्रित कर यातायात व्यवस्थित किया।
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