80 नर्सिंग छात्राओं ने विभागीय डॉक्टर पर लगाया लैंगिक उत्पीड़न का आरोप, ABVP और JDA के छात्रों ने किया प्रदर्शन

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मध्यप्रदेश
रीवा/स्वराज टुडे: विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल में नर्सिंग छात्राओं ने विभाग के डॉक्टर पर लैंगिक उत्पीड़न, दुर्व्यवहार सहित अन्य गंभीर आरोप लगाए है. छात्राओं ने सामूहिक रूप से इसकी शिकायत दर्ज कराई है. मामला उजागर होने के बाद नर्सिंग छात्रों की सुरक्षा को लेकर प्राचार्य ने वार्ड में उनके जाने पर रोक लगा दी है. साथ ही डीन ने मामले की गंभीर को देखते हुए जांच के निर्देश दिए हैं.

80 छात्राओं ने की शिकायत

संजय गांधी अस्पताल के ईएनटी विभाग के चिकित्सक से नर्सिंग छात्राओं को खतरा लग रहा है. बीएससी नर्सिंग की 80 छात्राओं ने लिखित में डॉ अशरफ के खिलाफ शिकायत की है. छात्राओं की दलील है कि डॉ अशरफ छात्राओं के साथ गंदा व्यवहार करते हैं. छात्रों ने उनके व्यवहार से खुद को असुरक्षित बताया है. पत्र में कहा गया है कि डॉक्टर अशरफ का व्यवहार कई मर्तबा छात्राओं को मानसिक रूप से अपमानित करने वाला रहा है.

शिकायत में छात्राओं ने क्या कहा?

छात्राओं ने शिकायत में कहा कि उनका व्यवहार मानसिक रूप से प्रताड़ित करने जैसा है. डॉ अशरफ के व्यवहार के कारण क्लीनिकल लर्निंग वातावरण को भी प्रभावित कर रहा है. इस वार्ड में ही कुछ दिन पूर्व महिला मरीज की नाबालिग अटेंडर ने गैंगरेप के संगीन आरोप लगाए थे. इस घटना में हॉस्पिटल के वार्डबॉय पर कार्रवाई की गई.

JDA और ABVP ने किया समर्थन, कार्रवाई की मांग।

प्राचार्य ने जांच के लिए गठित की टीम

प्राचार्य ने छात्राओं की शिकायत को गंभीर मानते हुए श्यामशाह मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सुनील अग्रवाल को पत्र लिखा। डीन ने मामले की जांच के लिए आंतरिक परिवाद समिति की तीन सदस्यीय टीम बनाई है। इसमें डॉ. शशि जैन (नेत्र रोग विभागाध्यक्ष), डॉ. नीरा मराठे (पीएसएम), रीना पटेल (स्टाफ नर्स), और एनजीओ प्रतिनिधि कमलेश सचदेवा शामिल हैं। टीम को एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

JDA और ABVP ने किया समर्थन, कार्रवाई की मांग

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के डॉ. आशय द्विवेदी ने कहा, 80 छात्राओं ने एक ही डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। निलंबन और निष्कासन ही एक मात्र उपाय है। जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक डॉक्टर को ड्यूटी से हटाना चाहिए। मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और JDA ने भी कॉलेज में प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों ने “डीन तुम शर्म करो” और “डॉ. अशरफ इस्तीफा दो” जैसे नारे लगाए। उन्होंने डीन के चैंबर के बाहर प्रदर्शन करते हुए कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।

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डीन को भी शर्म करनी चाहिए- जिला संयोजक 

जिला संयोजक पीएन पांडे ने कहा “अगर 80 छात्राएं एक ही बात कह रही हैं तो वे झूठ नहीं बोल सकतीं। यह रीवा की साख पर सवाल है। मेडिकल कॉलेज के डीन को भी शर्म करनी चाहिए।”

JDA ने मंगलवार को छात्रों के समर्थन में आवाज उठाई। - Dainik Bhaskar

छात्राओं ने ENT विभाग में ड्यूटी करने से मना किया डॉ. अशरफ की देखरेख में होने वाले क्लीनिकल कामों से नर्सिंग की द्वितीय और तृतीय वर्ष की छात्राओं ने हाथ खींच लिया है। उन्होंने कहा कि कोलकाता के RG कॉलेज की घटना के बाद उन्होंने यह फैसला लिया। छात्राओं का कहना है कि डॉक्टर का व्यवहार क्लीनिकल लर्निंग माहौल को प्रभावित कर रहा है।

प्राचार्य प्रवीण पटेल ने बताया, छात्राओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ENT विभाग में उनकी ड्यूटी पर रोक लगाई गई है।

पूर्व में भी विभाग पर लगे हैं आरोप

ENT विभाग वही है जहां कुछ दिन पहले एक वार्ड बॉय ने नाबालिग के साथ छेड़छाड़ की थी। नाबालिग ने गैंगरेप के भी आरोप लगाए थे। उस मामले की जांच अभी जारी है।

प्रबंधन बैकफुट पर, कार्रवाई की मांग तेज

लगातार शिकायतों और छात्र संगठनों के दबाव के बाद कॉलेज प्रबंधन बैकफुट पर आ गया है। अब जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर अशरफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीन डॉ. सुनील अग्रवाल ने कहा, “छात्राओं ने चिकित्सक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।”

दीपक साहू

संपादक

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