छत्तीसगढ़
भिलाई/स्वराज टुडे: एक महिला के साथ रेप करने के मामले में पुलिस ने तहसीलदार के खिलाफ अपराध दर्ज किया है और उनकी खोजबीन शुरु कर दी है। नेवई थाना प्रभारी ममता अली शर्मा ने बताया कि रिसाली निवासी 28 वर्षीय महिला के साथ ग्राम कोंटा निवासी तहसीलदार देवेन्द्र कुमार सिरमौर बीते पांच वर्षों से रिलेशन में था। दोनों पहले से विवाहित हैं लेकिन पीड़िता का आरोप है कि तहसीलदार शादी का झांसा देकर लगातार उसका दैहिक शोषण करता रहा । शिकायत के बाद से आरोपी फरार है।
थाना प्रभारी शर्मा ने बताया कि आरोपी तहसीलदार ने शादी करने से इंकार किया तो परेशान महिला ने उसके खिलाफ नेवई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
बताया जा रहा है कि विभाग में महिला सुपरवाइजर पद पर काम करती है। आरोपी तहसीलदार को पकड़ने के लिए पुलिस टीम बनाकर कोंटा दबिश देने पहुंचेगी। आरोपी का मोबाइल से लोकेशन भी ट्रेस किया जा रहा है। यह घटना तब की है जब आरोपी अतिरिक्त तहसीलदार था, लेकिन अब वह तहसीलदार बन चुका है।
शिकायत पर अपराध दर्ज करना पुलिस की मजबूरी
कानून के जानकारों की मानें तो ज्यादातर ऐसे मामले फ़र्ज़ी ही होते हैं । महिलाओं को संवैधानिक अधिकार मिलने की वजह से उस पर अमल करना पुलिस की मजबूरी होती है । समाज के प्रबुद्ध लोगों का पहला सवाल यही रहेगा कि 5 साल तक आपसी सहमति से सम्बन्ध बनाने के बाद अब ऐसा क्या हुआ कि रेप का आरोप लगाना पड़ा । सच्चाई ये है कि जब तक महिला सहमति ना दे तो शादी क्या कुछ भी झांसा देकर सम्बन्ध बनाना सम्भव ही नहीं । दूसरी बात खुद विवाहित होकर पराए विवाहित मर्द से सम्बन्ध बनाते समय क्या उसके जमीर ने उसे नहीं धिक्कारा । 5 साल बाद महिला को याद आया कि उसका शोषण हो रहा है यह बात किसी के भी गले नहीं उतरेगी। यहां सवाल उठना लाजिमी है कि जो महिला अपने पति के साथ विश्वासघात कर सकती है वो किसी पराए मर्द के प्रति वफादार कैसे रह सकती है । वहीं पुरुष को शादी से पहले ही सारा सुख मिल जाये तो फिर वो उस महिला से शादी क्यों करेगा । बस यहीं पर आकर जब पेंच फंस जाता है तो इस तरह शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के मामले सामने आते हैं ।
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