12 वीं की छात्रा हुई सर्पदंश की शिकार, अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत

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छत्तीसगढ़
गरियाबंद-फिंगेश्वर/स्वराज टुडे: जहरीले सर्प के काटने से एक स्कूली छात्रा की मौत हो गई। इन दिनों लगभग हर दिन जहरीले सांप निकलने की शिकायतें गांव से आ रही है। नगर के रानी श्यामकुमारी देवी उच्चतर माध्यमिक शाला में अध्ययनरत कक्षा 12 वीं की छात्रा कुमारी टिकेश्वरी साहू पिता गजानंद साहू ग्राम चैतरा को उसके घर में सर्प ने नींद में ही डस लिया। जिसका पता तुरंत नहीं चल सका। सर्प का जहर का असर होने पर उसे सामुदायिक अस्पताल फिंगेश्वर लाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज कर उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे महासमुंद जिला चिकित्सालय रिफर कर दिया।

महासमुंद में भी उसका इलाज किया गया लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर उसे वहां के डॉक्टरों ने रायपुर अस्पताल रिफर कर दिया। लेकिन रायपुर में भी उसकी स्थिति बिगड़ती चली गई और आखिर में उसने दम तोड़ दिया। इस बात की पुष्टि ग्राम के सरपंच संजय कंडरा एवं दिव्यांग संघ के जिलाध्यक्ष जागेश्वर साहू ने की है। इस अंचल में सर्प काटने से यह तीसरी मौत है। इसके पहले ग्राम भसेरा के माँ-बेटी की भी सर्प काटने से मौत हो गई थी।

सर्पदंश से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए लोगों को सर्पदंश से बचने के उपायों के प्रति जागरूक होना जरूरी है। बरसात के मौसम में सर्प अक्सर बाहर निकल आते है, इसलिए इनसे बचाव करना जरूरी है।

सर्पदंश से इस तरह करें बचाव

1. बरसात के मौसम में बाहर निकलते समय बूट, मोटे कपडे़ का पैंट आदि पहने।
2. सांप दिखने पर पास न जाए और न ही उसे मारने की कोशिश करें, उसे बचकर जाने दें। हलचल एवं कंपन आदि से सांप दूर भागते हैं।
3. सर्पदंश पर घबराये नहीं, आराम से लेट जायें, कपडे़ ढीले कर दें, चूड़ी, कड़े, घड़ी अंगूठी जैसे आभूषण निकाल दे।
4. छोटे बच्चे, वृद्ध और अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों में जहर का असर गंभीर हो सकता है, इनके उपचार में देरी न करें।
5. घाव के साथ छेड़छाड़ न करें। दौड़ने भागने से जहर तेजी से शरीर में फैलता है।
6. सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को मदिरा, नशे की कोई चीज और कैफीनेटेड ड्रिंक्स न दें।
7. जमीन पर भूलकर भी ना सोएं।
8. झांड़-फूंक से बचें। पीड़ित को जल्द अस्पताल ले जाएं और चिकित्सक की सलाह के अनुसार उपचार ले।

सर्पदंश के बाद लक्षण

1. अधिकांश सांप मांसाहारी होते हैं एवं छोटे जीव-जंतुओं को खाते हैं। मनुष्यों को ये अपने ऊपर खतरा देख कर ही काटते है। इन्हें छेड़ा न जाये तो ये मनुष्यों को नहीं काटते।
2. सांप के जहर से ऊतक नष्ट होते हैं, नर्वस सिस्टम प्रभावित हो सकता है, ब्लड प्रेशर एवं हृदय पर असर अथवा क्लॉटिंग एवं रक्तस्त्राव होता है।
3. लक्षण उत्पन्न होने में कभी-कभी 6 से 12 घंटे का समय लग सकता है।
4. बिना जहर वाले सांप काटने पर काटे हुए स्थान पर थोड़ा दर्द और सूजन हो सकती है, जो सामान्यत: आसानी से ठीक हो जाती है।
5. जहरीले सांप के काटने पर यदि सांप द्वारा जहर नहीं उगला गया है तो खतरा नहीं होता है। यदि जहर उगला गया है तब काटने के स्थान पर तेज दर्द, छाला पड़ना, सूजन, लालिमा, नीलापन, रक्तस्त्राव, काला पड़ना या सुन्न होना हो सकता है।
6. सांप के जहर के असर से व्यक्ति के काटे वाले भाग के पूरे अंग में तेज दर्द हो सकता है, कम ब्लडप्रेशर, कमजोर नाड़ी, बढ़ी धड़कन, उल्टी, दस्त, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, देखने में दिक्कत, हाथ-पैर ठंडा होना, सुन्न पड़ना, पसीना आना आदि हो सकते हैं।

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दीपक साहू

संपादक

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