भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि वक्त की जरूरत है कि यूक्रेन में युद्ध को समाप्त किया जाए और बातचीत की ओर लौटा जाए और ध्यान दिलाया कि परमाणु मुद्दा विशेषतौर चिंता वाली बात है।
भारत ने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से कहा था कि यह दौर युद्ध का दौर नहीं हो सकता है। यूक्रेन ‘दंड माफी के खिलाफ लड़ाई’ विषय पर 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र परिषद में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध की दिशा पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गभीर चिंता का विषय है। भविष्य के अनुमान और ज्यादा परेशान करने वाले दिख रहे हैं। परमाणु मुद्दा खास तौर पर चिंताजनक है।
यूरोप और विदेश मामलों की फ्रांसीसी मंत्री कैथरीन कोलोना की अध्यक्षता में गुरुवार को यह चर्चा हुई। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र मे भाग लेने के लिए दुनिया भर के नेता संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एकत्र हैं। परिषद की इस चर्चा को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस, अमेरिका के विदेश मंत्री एटनी ब्लिंकेन, चीन के विदेश मंत्री वांग यि, रूस के विदेश मंत्री सेरगेई लावरोव और ब्रिटेन के विदेश मंत्री, राष्ट्रमंडल और विकास मामलों के मंत्री, जेम्स क्लेवेर्ली और सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने संबोधित किया।
जयशंकर ने परिषद को बताया कि वैश्विकरण के इस दौर में युद्ध का प्रभाव सुदूर क्षेत्रों में भी महसूस होने लगा है। उन्होंने कहा कि हम सभी ने कीमतों में वृद्धि, खाद्यान्न, उर्वरक और ईधन की कमी महसूस करनी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि खास तौर से विश्व के दक्षिणी हिस्से का ज्यादा परेशानी हो रही है।
जयशंकर ने सुरक्षा परिषद में उठाया आतंकवाद का मुद्दा
भारत ने इस बात को दुखद बताया कि संरा सुरक्षा परिषद में, जब दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादियों पर पाबंदी लगाने का मुद्दा उठता है, तब उन्हें दंड से बचाने का प्रयास किया जाता है और जवाबदेही से बचने के लिए राजनीति का सहारा लिया जाता है। पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को काली सूची में डालने पर चीन की ओर से रोक लगाने की तरफ इशारा करते हुए भारत ने यह बयान दिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूक्रेन के मुद्दे पर 15 सदस्यीय संरा सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि दंड से बचाव के विरुद्ध लड़ाई बड़े स्तर पर शांति और न्याय स्थापित करने के लिए अहम है। सुरक्षा परिषद को इस मुद्दे पर स्पष्ट और एकमत से संदेश देना चाहिए।
फ्रांस की यूरोपीय और विदेश मामलों की मंत्री कैथरीन की अध्यक्षता में बैठक संपन्न
फ्रांस की यूरोपीय और विदेश मामलों की मंत्री कैथरीन कोलोना की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को बैठक हुई। जयशंकर ने चीन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि जवाबदेही से बचने के लिए कभी राजनीति का सहारा नहीं लेना चाहिए। दोषी को दंड से बचाने के लिए भी नहीं। दुखद है कि हमने हाल में इसी परिषद में ऐसा होते देखा है जब दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक आतंकवादियों पर पाबंदी लगाने की बात हुई थी।
उन्होंने कहा कि अगर दिन दहाड़े होने वाले भयावह हमलों के दोषियों को सजा नहीं दी जाएगी तो इस परिषद को सोचना चाहिए कि दोषियों को दंडित नहीं करके हम क्या संदेश दे रहे हैं। हमें विश्वसनीयता सुनिश्चित करनी है तो सतत प्रयास करना होगा।
#WATCH | "India is strongly reiterating the need for an
immediate cessation of all hostilities and a return to dialogue
and diplomacy," says EAM Dr S Jaishankar at UNSC briefing on Ukraine pic.twitter.com/99QvAgsl9r— ANI (@ANI) September 22, 2022
Editor in Chief