नई दिल्ली/स्वराज टुडे: वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक आज लोकसभा में पेश हो गया है. विपक्ष ने मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए विधेयक को खारिज कर दिया है. लोकसभा में इस बिल को लेकर सरकार-विपक्ष में गतिरोध बना हुआ है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, विधेयक पेश किए जाने के बाद, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध करेंगे कि विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संयुक्त समिति को भेजा जाए. इस विधेयक को 12 दिसंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत के लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया था.
‘नया संविधान लाने का प्रयास’: कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा कि उसका मानना है कि यह विधेयक “असंवैधानिक” है और संविधान के “मूल ढांचे के खिलाफ़ है”. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि भले ही भारतीय जनता पार्टी के एनडीए सहयोगी टीडीपी और जेडी(यू) “इसका खुलकर विरोध न करें, लेकिन वे इस विधेयक को नहीं चाहते हैं. ANI से बात करते हुए, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य देश में “लोकतंत्र और जवाबदेही का गला घोंटना” है. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार का “असली” उद्देश्य “नया संविधान लाना” है.
उन्होंने आगे कहा, “हमारा मानना है कि यह मूल ढांचे के खिलाफ़ है और इसका उद्देश्य इस देश में लोकतंत्र और जवाबदेही का गला घोंटना है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने 17 जनवरी को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर बताया था कि कांग्रेस पार्टी एक राष्ट्र, एक चुनाव के विचार पर आपत्ति क्यों जता रही है.”
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