बिहार
छौड़ाही(बेगूसराय)/स्वराज टुडे: लड़की वालों ने विवाह के लिए पहले राजस्व कर्मचारी के सरकारी पद पर कार्यरत लड़का देखा। लड़के ने अभी विवाह नहीं करने की बात कही। फिर, लड़की के घरवालों ने लड़की को परीक्षा दिलाने के नाम पर लड़के के पास भेज थाने में बेटी के अपहरण का आवेदन दे दिया ।
लड़का जब लड़की के साथ हड़बड़ा कर थाने पहुंचा तो वहां प्रखंड मुख्यालय स्थित एक मंदिर में उसका पकड़वा विवाह कर दिया गया। कहानी बिल्कुल फिल्मी स्टाइल की है। कानून पर सवाल भी उठने लगे हैं कि बिना लड़के के स्वजनों की उपस्थिति में कैसे विवाह करा दिया गया।
लड़की के हाथ की चाय पीना पड़ा महंगा
छौड़ाही थाना क्षेत्र के पतला गांव निवासी श्याम नारायण महतो बताते हैं कि उनके बेटा रिंटू कुमार सीतामढ़ी जिला के रुन्नीसैदपुर प्रखंड में राजस्व कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं। दो महीने पूर्व समस्तीपुर जिला के विभूतिपुर थाना क्षेत्र के खदियाही गांव निवासी जागेश्वर प्रसाद अपनी बेटी रानी चंद्रप्रभा के विवाह का प्रस्ताव भेजे थे, परंतु राजस्व कर्मचारी बेटे ने फिलहाल शादी नहीं करने की बात कही थी।
श्याम नारायण महतो बताते हैं कि उनका बेटा जब एक महीना पूर्व अपने गांव आया था। वहीं, लड़की भी अपने संबंधी के यहां पहुंची हुई थीं। संबंधियों ने राजस्व कर्मचारी को चाय पीने के बहाने अपने घर पर बुलाया और लड़की के हाथों से बना हुआ चाय भी पिलाया। इसके बाद वह अपनी ड्यूटी पर चले गए।
परीक्षा के बहाने लड़की को भेजा कर्मचारियों के पास
राजस्व कर्मचारी के पिता बताते हैं कि गांव के ही एक संबंधी ने उनके बेटे को फोन कर आग्रह किया कि एक रिलेशन के व्यक्ति का सीतामढ़ी में परीक्षा का सेंटर मिला है। आप उसे अपने रूम में रख कर परीक्षा दिलवा दीजिएगा। उनके बेटे रिंटू कुमार यह साजिश नहीं समझ पाए और हां कह दी। विगत बुधवार को रिलेशन के व्यक्ति के बदले लड़की रानी चंद्रप्रभा वहां पहुंच गई।
लड़की के पिता ने फर्जी अपहरण का दे दिया आवेदन
उन्होंने बताया कि लड़की के राजस्व कर्मचारी के पास पहुंचते ही लड़की के पिता ने विभूतिपुर थाना में आवेदन देकर बताया कि हमारी बेटी को राजस्व कर्मचारी रिंटू कुमार ने विवाह की नीयत से अपहरण कर लिया है। राजस्व कर्मचारी के मोबाइल पर विभूतिपुर थाना अध्यक्ष के द्वारा फोन कर उनके लड़के को बताया जाता है कि रानी चंद्रप्रभा नाम की लड़की आपके पास है। उसे लेकर शाम तक विभूतिपुर थाना पर पहुंचें।
हड़बड़ाकर वह लड़की को अपने साथ लेकर समस्तीपुर स्टेशन पहुंचे। तभी वहां पर पहले से मौजूद विभूतिपुर पुलिस ने लड़का और लड़की को अपने कब्जे में लेकर विभूतिपुर थाना साथ में ले गए।
साजिश रचकर जबरन शादी करा दी- राजस्व कर्मचारी के पिता
विभूतिपुर पुलिस की सूचना पर पहुंचे लड़की पक्ष के लोगों की उपस्थिति में लड़का एवं लड़की को प्रखंड मुख्यालय स्थित बाबा विभूतिनाथ मंदिर में पकड़वा विवाह करा दिया गया। राजस्व कर्मचारी के पिता का कहना था कि विभूतिपुर पुलिस द्वारा हमलोगों को जानकारी नहीं दी गई। साजिश रचकर जबरन शादी करा दी गई है।
लड़की रानी चंद्रप्रभा के स्वजनों का कहना है कि कोई जोर जबरदस्ती नहीं हुई है। विवाह के बाद लड़की को लड़का के साथ भेज दिया गया है। लड़का पक्षवालों को समझाकर मामले को निपटा लेंगे। इस संबंध में छौड़ाही एवं विभूतिपुर थाना अध्यक्ष से संपर्क किया गया। उन्होंने इस तरह की किसी घटना की जानकारी से इनकार किया है।
जानें क्या है पकड़वा विवाह
‘पकड़वा विवाह’ उस तरह की शादी है, जिसमें लड़के को जबरदस्ती पकड़ कर, लड़की के साथ शादी करवाई जाती है. इस तरह की शादी का चलन बिहार में 1970-80 के दशक में चलन में आया. उस दौर में लड़की पक्ष के लोगों द्वारा डॉक्टर, इंजीनियर समेत शासकीय सेवा में कार्यरत अधिकारियाँ व कर्मचारियों को बंदूक की नोक पर उनका अपहरण कर लिया जाता था फिर जबरन अपनी लड़की की शादी उनसे करवा दी जाती थी. बदलते दौर के साथ अब इस तरह की शादी को ‘सामाजिक बुराई’ कहा जाने लगा है. साथ ही ऐसे विवाह के विरुद्ध कानून भी सख्त बना दिये हैं. कई मामलों में अदालत ने ऐसे विवाह को शून्य घोषित भी कर दिया है. लेकिन आज के दौर में इस तरह पकड़वा विवाह का मामला सामने आना बहुत ही हैरानी की बात है.
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