ये है भारत का सबसे खतरनाक इलाका, बाहरी लोगों को देखते ही जान से मार देते हैं यहां के निवासी, केंद्र सरकार ने इस द्वीप के आसपास फटकने को भी कर दिया है प्रतिबंधित

- Advertisement -

नई दिल्ली/स्वराज टुडे: भारत में एक ऐसी जगह भी है जहां रहने वाले लोग आज भी हजारों साल पुराने तौर तरीकों से रहते हैं। यहां के लोग किसी बाहरी को देखते ही जान से मार देते हैं। किसी पर हत्या का केस भी दर्ज नहीं होता। इसे दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक माना जाता है। यही कारण है कि भारत सरकार ने किसी को भी यहां जाने से बैन किया हुआ है। समुद्र में स्थित इस द्वीप के 3 मील के दायरे में जाने की भी मनाही है।

ये जगह भारत के अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह केन्द्र-शासित प्रदेश के अण्डमान द्वीपसमूह का एक द्वीप है। हम बात कर रहे हैं उत्तर सेंटिनल द्वीप (North Sentinel Island) की। यह बंगाल की खाड़ी में स्थित है। प्रशासनिक रूप से यह दक्षिण अण्डमान ज़िले का भाग है। उत्तरी सेंटिनल द्वीप में रहने वाली जनजाति आक्रामक और बाहरी लोगों के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील है। जो भी वहां जाने का प्रयास करता है यहां रहने वाले लोग उस पर हमला कर देते हैं।

 

इस द्वीप को यात्रा के लिए सबसे खतरनाक स्थान ग्रह पर सबसे खतरनाक स्थान भी घोषित किया गया है। इसके चलते भारत ने अपने नागरिकों के नॉर्थ सेंटिनल द्वीप पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस द्वीप पर रहने वाले सेंटिनलीज़ लोगों के बारे में बहुत कम जानकारी है। अधिकांश जगह जंगल से ढकी हुई है जिससे सरकारी अधिकारियों के लिए द्वीप के बारे में कुछ भी पता लगाना भी मुश्किल है।

किसी को साफ-साफ ये भी नहीं पता कि यहां कितने लोग रहते हैं। अनुमान के मुताबिक यहां के निवासियों की संख्या 50 से 400 के बीच है। कुछ साल पहले भारतीय तटरक्षक बल ने भोजन के पार्सल भेजकर इन लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया था। लेकिन तटरक्षक बल के जहाजों पर पत्थरों और तीरों से हमला कर दिया गया। मानवविज्ञानियों के अनुसार यह जनजाति पिछले 60,000 वर्षों से पूरी तरह एकांत में रह रही है।

बाहरी दुनिया से कटे होने का सबसे बुरा असर ये हुआ है कि सेंटिनलीज़ के ख़त्म होने का ख़तरा है। वे दूसरों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं। उनमें सामान्य सर्दी या फ्लू जैसी नियमित बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हुई है। विकास किस चिड़िया का नाम है यह भी वे नहीं जानते । इस जनजाति की जीवन शैली, खान-पान, रहन-सहन, शिक्षा और स्वास्थ्य के संबंध में कोई भी पुख्ता जानकारी अब तक उपलब्ध नहीं हो सकी है। या यूं कहें ही उनका जीवन ही रहस्यमय है ।

इस क्षेत्र में भारतीय नौसेना द्वारा गश्त की जाती है। भारतीय अधिकारी द्वीपवासियों की अकेले रहने की इच्छा का सम्मान करते हैं। यहां के लोग द्वीप पर पहुंचने की कोशिश करने वाले कुछ लोगों की जान भी ले चुके हैं लेकिन इन पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जाता।

हाल के वर्षों में अमेरिकी नागरिक जॉन एलन ने नॉर्थ सेंटिनल द्वीप पर जाने की कोशिश की थी। उनके इस प्रयास में स्थानीय मछुआरों ने उनकी मदद की, लेकिन जैसे ही वह द्वीप पर पहुंचें। स्थानीय लोगों ने जॉन पर तीरों की बौछार कर दी। इस हमले में जॉन की मौत हो गई थी।

भारत ने आधिकारिक तौर 1970 में इस पृथक छोटे द्वीप पर दावा किया था। साल 1771 में द्वीप के बारे में पहली बार ईस्ट इंडिया कंपनी के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण जहाज ने पता लगाया था।

यह भी पढ़ें: RSS शाखा में कर्मचारियों के जाने पर प्रतिबंध हटा, मोदी सरकार ने पलटा 58 साल पुराना फैसला

यह भी पढ़ें: पति हुआ बेगाना तो पड़ोसी को माना अपना, लेकिन फिर भी नहीं मिला सुकून, अब पुलिस से लगाई न्याय की गुहार

यह भी पढ़ें: मंदिर की छत पर संबंध बनाते नजर आए प्रेमी-प्रेमिका, सावन महीना शुरु होने से पहले ऐसा वीडियो देखकर भड़के लोग

दीपक साहू

संपादक

- Advertisement -

Must Read

- Advertisement -
511FansLike
50FollowersFollow
1,030SubscribersSubscribe

इस राज्य में शुरू हुआ भारत का पहला ऑनलाइन कोर्ट, 24...

नई दिल्ली/स्वराज टुडे: भारत का पहला ऑनलाइन कोर्ट केरल के कोल्लम में शुरू हुआ है. देश के पहले ऑनलाइन कोर्ट ने काम करना भी...

Related News

- Advertisement -