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मुस्लिम नेताओं ने कराया 30 हजार एकड़ जमीन पर कब्जा… चला कानूनी डंडा

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छत्तीसगढ़
रायपुर/स्वराज टुडे:  इन दिनों वक्फ बोर्ड बहुत चर्चा में है। खासतौर पर वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर बहुत विवाद है। जेपीसी ने सभी राज्यों के बोर्ड से उसकी संपत्ति की जानकारी मांगी है।

छत्तीसगढ़ में वक्फ के पास 40 हजार एकड़ जमीन है। वक्फ की 80 फीसदी जमीन पर अवैध कब्जा है। 500 एकड़ जमीन पर तो फर्जी रजिस्ट्री तक करा ली गई हैं।

वक्फ बोर्ड मानता है कि इन जमीनों पर या तो मुस्लिम लीडरों का कब्जा है या फिर उनके समर्थकों ने कब्जा कर रखा है। वक्फ बोर्ड के पास 6 हजार करोड़ की संपत्ति है, जिसकी बंदरबांट हुई है। बोर्ड अब इस अवैध कब्जे को हटवाने और फर्जी रजिस्ट्री शून्य करने के लिए कानूनी रास्ता अपना रहा है। वक्फ बोर्ड ने जेपीसी को जानकारी भेजने के लिए सभी जिलों से संपत्ति की जानकारी बुलाई है।

मुस्लिम रहनुमाओं ने किया अवैध कब्जा

छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के पास छह हजार करोड़ की संपत्ति है। 40 हजार एकड़ तो वक्फ के पास जमीन ही है। लेकिन इस संपत्ति पर सालों से अवैध कब्जा है। राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज कहते हैं कि यह कब्जा किया है मुस्लिम रहनुमाओं यानी मुस्लिम लीडर्स ने। इन मुस्लिम लीडरों ने खुद के नाम की जगह अपने समर्थकों से यह कब्जा करवाया है।

वक्फ बोर्ड की करीब 80 फीसदी जमीन कब्जे में है। 500 एकड़ जमीन की तो फर्जी रजिस्ट्री तक हो गई। यह हम नहीं कह रहे बल्कि खुद वक्फ बोर्ड कह रहा है। वक्फ की संपत्ति में मस्जिद, दरगाह, इमामबाड़ा, मदरसा, कब्रिस्तान,कृषि भूमि और प्लॉट तक शामिल हैं। इनके प्रमुखों को मुतवल्ली कहा जाता है। इन मुतवल्लियों ने ही वक्फ की जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है।

यह जमीन पांच सौ रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक में दे दी गई। जेपीसी के निर्देश के बाद वक्फ बोर्ड ने इनसे पूरी संपत्ति की जानकारी मांगी है। प्रभावशाली मुस्लिम लीडर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर और अपने संरक्षण में वक्फ की जमीन पर अवैध कब्जा करवाते रहे हैं।

अवैध कब्जा हटाने कानून का डंडा

नया वक्फ विधेयक आने के बाद अब इसकी जमीनों की नए सिरे से पड़ताल हो रही है। जमीनों पर कब्जा हटाने के लिए कानूनी सहारा लिया जा रहा है। जिन मुतवल्लियों ने जमीन पर कब्जा किया है उनको नोटिस भेजे गए हैं। वहीं वक्फ की 35 प्रापर्टी जो 500 एकड़ जमीन पर हैं उनकी फर्जी रजिस्ट्री कराई गई है। इन रजिस्ट्री को शून्य करने के लिए भी कानून का सहारा लिया जा रहा है।

इसके लिए हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों से राय मशवरा किया गया है। बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज कहते हैं कि वक्फ की संपत्ति जनकल्याण के लिए होती है लेकिन इस जमीन पर ऐसा कोई काम नहीं हो रहा है बल्कि इसकी बंदरबांट कर दी गई है।

ये हैं वक्फ के संपत्ति विवाद

मामला नंबर 1 : वक्फ दुर्ग की आधी से ज्यादा जमीन पर अपना दावा करता है। राज्य वक्फ बोर्ड ने साल 2022 में आवेदन दिया था। इस पर दावा आपत्तियां मंगाई गईं। लोगों की नाराजगी और बीजेपी नेताओं के दखल देने के बाद मामला वहीं अटक गया। यहां पर वक्फ ने 13 एकड़ जमीन का दावा किया है।

मामला नंबर 2 : बिलासपुर में नगर निगम की जमीन पर वक्फ ने अपना दावा किया। नगर निगम इस जमीन पर कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल बना रहा था तभी वक्फ ने इस जमीन पर अपना दावा किया। हालांकि यह जमीन बाद में निगम की ही मानी गई।

मामला नंबर 3 : वक्फ बोर्ड ने रायपुर के कपड़ा बाजार पंडरी की बेशकीमती संपत्ति पर भी कब्जा होने का दावा किया। बोर्ड कहता है कि पंडरी बस स्टैंड के सामने की जमीन पर ट्रैवल संचालकों और दूसरे धर्म का कब्जा है।

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज कहते हैं कि संशोधन विधेयक के कानून बनने के बाद सारी जानकारी सामने आ जाएंगी। यह विधेयक ऐतिहासिक है और बहुत जरुरी भी है ताकि वक्फ की जमीन पर जन कल्याण के काम हो सकें और इसे अवैध कब्जे से मुक्ति मिलेगी।

सार्वजनिक होगी संपत्ति

इस सारी संपत्ति का डिजिटलाइजेशन कर इसे सार्वजनिक किया जाएगा। संपत्ति की जानकारी को लेकर निर्देश केंद्र सरकार की ओर से आए हैं। पिछले दिनों संयुक्त संसदीय समिति वक्फ, लोकसभा सचिवालय और सचिव भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने ये एक्शन लिया है। वक्फ की संपत्तियों का डिजिटाइजेशन IIT दिल्ली करेगा।

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Deepak Sahu

Editor in Chief

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