छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: उच्च न्यायालय अधिवक्ता अजय शर्मा ने खंडन करते हुए कहा हैं कि “कोरबा जिला सहित प्रदेश के विभिन्न समाचार पत्रों/सोशल मीडिया/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जो समाचार प्रकशित किये गए है, इस संबंध में मै मिडिया को अवगत कराना चाहूंगा कि मैं अजय शर्मा मेरी पत्नी श्रीमती मंजू शर्मा, पुत्र अभिजीत, मेरी भाभिया, बहन और ससुराल के रिश्तेदारों के साथ महाकुम्भ स्नान के लिए प्रयागराज गया था।
12 जनवरी को मेले में अनाउंस हो रहा था कि कोरबा निवासी विक्रम जायसवाल अक्षय वट के पास बेहोश हो गए हैं। यदि कोई रिश्तेदार या परिचित मेला परिसर हो तो केंद्रीय चिकित्सालय सेक्टर/2 आईसीयू वार्ड में संपर्क करे। जिसे सुनकर हम चिकित्सालय पहुंचे। वहां हमारा परिचय पूछा गया तब मैने बताया कि मैं अजय शर्मा अधिवक्ता उच्च न्यायालय बिलासपुर हूं एवं मेरी पत्नी मंजू शर्मा जिला कार्यालय कोरबा में एडीएम की रीडर है।
तद्पश्चात हम आईसीयू में गए वहां विक्रम बेहोश थे। फीस के बारे में पूछने पर हमें चिकित्सको ने बताया कि उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा मेले में बीमार हुए सभी मरीजों के लिए बिना भेदभाव के निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था की गयी है। विक्रम बेहोश थे अतः यह कहना कि वे स्वयं को एडीएम बताकर वीआईपी ट्रीटमेंट लिया गया यह असत्य एवं वास्तविकता से परे है।”
उन्होंने आगे कहा कि उक्त समाचार को विभिन्न समाचार पत्रों/सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा विभिन्न शीर्षकों में प्रकाशित किया जा रहा है, जिससे हमारी सामाजिक/व्यावसायिक प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। मैं अजय शर्मा अधिवक्ता उच्च न्यायालय बिलासपुर उक्त भ्रामक एवं वास्तविकता से परे समाचार का पूर्णता खंडन करता हूं।
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