मरे हुए लोगों को ऐसे ‘जिंदा’ कर रहा चीन, घरवाले फिर से कर पा रहे उनसे बात

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अपनों के जाने का गम क्या होता है, इसका दर्द केवल वही बयां कर सकता है जिसने अपनों को हमेशा के लिए खो दिया है. लेकिन क्या हो जब, मरने के बाद भी वे जीवित हो जाएं. जी हां, इन दिनों पड़ोसी मुल्क चीन में कुछ ऐसा ही रहा है.

लोग अपने दिवंगत सदस्यों को दोबारा ‘जिंदा’ कर उनसे बातें कर रहे हैं. जाहिर है, पढ़कर आप सोच में पड़ गए होंगे. लेकिन यह सच है. असल में यह सब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से हो रहा है. वो कैसे, आइए जानते हैं.

चीन में लोग परिवार के दिवंगत सदस्यों को ‘पुनर्जीवित’ करने के लिए एआई का तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि, इस नई तकनीक को लेकर कई आपत्तियां हैं. लेकिन फिर भी कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि लोग अपने प्रियजनों को खोने के बाद उन्हें वर्चुअली अपने इर्द-गिर्द पाकर थोड़ा सुकून तो जरूर महसूस कर सकेंगे.

और दिवंगत बेटे से करने लगा बातें

इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाले ऐसे ही एक व्यक्ति थे सीकू वू, जिन्होंने इसका उपयोग अपने दिवंगत बेटे जुआनमो से बातचीत करने के लिए किया. इसमें शख्स के बेटे को ऐसी बातें करते हुए सुना जा सकता है, जो जिंदा रहते उसने कभी भी अपने पिता से नहीं कही थी.

न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार, पूर्वी चीन के एक कब्रिस्तान में शोक संतप्त पिता सीकू अपना फोन निकालकर बेटे की कब्र पर रखते हैं. फिर एआई जेनरेटेड रिकॉर्डिंग ऑन कर देते हैं. रिकॉर्डिंग में जुआनमो की आवाज सुनी जा सकती है. वह कहता है, ‘मुझे पता है कि आप मेरी वजह से हर दिन दर्द में हैं. खुद को दोषी और असहाय महसूस कर रहे हैं.’ वह आगे कहता है, भले ही मैं फिर कभी आपके साथ नहीं रह सकता, लेकिन मेरी आत्मा अभी भी इस दुनिया में है जो ताउम्र आपका साथ देगी.

इस तरह दिवंगत बेटे को फिर जिंदा करेगा पिता

सीकू ने AFP को बताया, ‘एक बार जब हम वास्तविकता और मेटावर्स को सिंक्रोनाइज कर लेंगे, तो अपने बेटे को दोबारा साथ रख पाऊंगा.’ शख्स ने यह भी कहा कि वह उसे इस तरह से प्रशिक्षित कर पाएगा कि जब भी वो उसे देखे, तो समझे कि वह उसके पिता हैं. असल में सीकू अपने दिवंगत बेटे का एक वर्चुअल रेप्लिका बनाना चाहते हैं, जो हूबहू उनके बेटे की तरह ही बर्ताव करेगा.

एआई फर्म सुपरब्रेन के फाउंडर और सीकू के पूर्व सहयोगी झांग जेवेई ने कहा, एआई के मामले में चीन काफी आगे है. देश में कई लोग हैं, जो इस तरह की भावनात्मक जरूरतों को पूरा करना चाहते हैं. इसलिए हमने उनके लिए ये खास तकनीक तैयार की है.

जेवेई ने कहा कि कंपनी एक बेसिक अवतार बनाने के लिए 10,000 और 20,000 युआन (यानी दो लाख 38 हजार रुपये से अधिक) का चार्ज करती है, जिसे तैयार करने में लगभग 20 दिन लगते हैं. उनका कहना है कि मौत के बाद व्यक्ति का शरीर तो नहीं रहता, लेकिन उसका डिजिटल वर्जन हमेशा के लिए मौजूद रह सकता है.

दीपक साहू

संपादक

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