रिसर्च ने ये भी साबित किया है कि वायरल इन्फेक्शन भी कैंसर के पैदा होने की वजह बनते हैं। HPV वायरस (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) की भी लिंग, योनि, मुंह और गले के कैंसर में बड़ी भूमिका है।
भारत में लोगों को कैंसर का इतना ज्यादा खतरा क्यों? जानें किस वजह से तेजी से बढ़ रही ये बीमारी….
भारत में कैंसर के मामलों के साथ-साथ मौतों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की स्टडी बताती है कि हर 9 भारतीयों में से एक को अपने पूरे जीवनकाल में एक बार कैंसर हो जाएगा। स्टडी में यह भी कहा गया है कि हर 68 पुरुषों में से एक को फेफड़े का कैंसर होगा, जबकि हर 29 में से एक महिला को ब्रेस्ट का कैंसर होगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कैंसर के लिए खतरनाक कारक विश्व स्तर पर एक जैसे ही हैं। जोखिम कारकों का अनुपात विश्व स्तर पर अलग-अलग होता है. भारत में कैंसर के फैलने की वजह ये कारक हैं…
1. शराब:
साल 2020 में भारत में 50,000 कैंसर के मामले सिर्फ शराब पीने की वजह से थे। शराब पीने के कारण होने वाले कैंसर के मामलों की संख्या में भारत ग्लोबल लेवल पर दूसरा देश (चीन के पीछे) था। शराब पीने की वजह से ओरल कैविटी (38.7%), एसोफेगस (26.4%), फैरिंक्स (12.4%), र्लैरिंक्स (6.2%), लीवर (6%), अन्य (10.3%) जैसे कैंसर देखने को मिले।
2. मोटापा:
साल 2020 में एशिया में भारत मोटापे की वजह से होने वाले कैंसर के मामले में तीसरे नंबर पर था। भारत सिर्फ चीन और जापान से पीछे थे। मोटापे की वजह से होने वाले कैंसर में- एंडोमेट्रियल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, पेट का कैंसर, गॉल ब्लैडर का कैंसर, किडनी का कैंसर, रेक्टल कैंसर, पेनक्रिएटिक कैंसर, इसोफेजियल एडेनोकार्सिनोमा और ओवेरियन कैंसर शामिल थे।
3. इन्फेक्शन:
साल 2020 में एशिया इन्फेक्शन से जुड़े कैंसर के चार्ट में सबसे ऊपर था। कैंसर के 15,00000 नए मामलों में एशिया ने योगदान दिया। जिन कॉमन इनफेक्शन के कारण कैंसर हुआ, उनमें हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (52.1 प्रतिशत), एचपीवी वायरस (19.1 प्रतिशत), हेपेटाइटिस बी वायरस (10.8 प्रतिशत), हेपेटाइटिस सी वायरस (7.5 प्रतिशत) और अन्य (10.6 प्रतिशत) शामिल रहे।
4. तम्बाकू:
भारत पर तम्बाकू के सेवन से जुड़े कैंसर का बहुत बड़ा भार है। फेफड़े का कैंसर और सिर तथा गर्दन का कैंसर लिस्ट में सबसे ऊपर हैं।
वायरल इन्फेक्शन भी एक कारण
रिसर्च ने ये भी साबित किया है कि वायरल इन्फेक्शन भी कैंसर के पैदा होने की वजह बनते हैं। HPV वायरस (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) की भी लिंग, योनि, मुंह और गले के कैंसर में बड़ी भूमिका है। HBV और HCV (हेपेटाइटिस B और C) लीवर कैंसर, HIV (ह्यूमन इम्यून डेफिसिएंसी वायरस) से लेकर लिंफोमा और सर्वाइकल कैंसर आदि में जरूरी भूमिका निभाते हैं। इन वायरस के खिलाफ मौजूद वैक्सीन और इलाज से कैंसर होने की एक वजह यानी वायरल संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता है।
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