छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: एसईसीएल से सेवानिवृत अधिकारी की पुत्रियों को मंत्रालय एवं रेलवे में पहचान होने की बात कहते हुए नौकरी दिलाने का झांसा दिया और 11 लाख ठग लिए। पीड़ित ने पुलिस में मामले की शिकायत की, पर कार्रवाई नहीं हुई। परिवाद पर कोर्ट ने पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धोेखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं।
पं रविशंकर शुक्ल नगर निवासी एमआइजी 11-2 में निवासरत रमेश कुमार करायर 63 वर्ष एसईसीएल मुख्यालय कोरबा के सिविल विभाग में इंजीनियरिंग असिस्टेंट के पद पर कार्यरत थे। 31 नवंबर 2017 को सेवानिवृत्त हुए। कार्य के दौरान उनके अधीन मानिकपुर, मटन दुकान व पोखरी के पास निवासी मुरारीलाल रागड़े एसईसीएल के सिविल विभाग में सफाई कर्मी के पद पर अधीनस्थ कार्यरत था और अभी भी कार्य कर रहा है।
सफाईकर्मी ने मंत्रालय में पहचान होने का दिलाया भरोसा
मुरारी ने उसे बताया कि रायपुर स्थित मंत्रालय के उच्चाधिकारियों, नेताओं व मंत्रियों से संपर्क होने व अब तक अनेक लोगों की शासकीय नौकरी लगा चुका है। मुरारी ने रमेश कुमार की दोनों पुत्रियों आरती व ममता की शासकीय नौकरी लगाने का आश्वासन दिया। रमेश कुमार को उसकी बातों पर विश्वास हो गया। आरती की छत्तीसगढ़ मंत्रालय व ममता करायर की रेलवे में नौकरी लगवा देने का भरोसा दिया।
ना नौकरी मिली, ना मिला पैसा
इसके लिए खर्च लगने की बात कहकर एडवांस राशि जल्द दिए जाने दबाव डालते कहा कि जितनी जल्दी रकम दोगे, तो उतनी जल्दी नौकरी लगा सकेगा। इस पर चार लाख रुपये परिचित के खाते में जमा करने कहा। इस तरह बैंक में ट्रांसफर व नकद के जरिए अलग-अलग तारीख में 11 लाख पांच हजार रुपये ले लिए। इसके बाद नौकरी लगाने टालमटोल करते रहे। जब रकम की मांग की गई, तो इसमें भी राशि देने पर टालमटोल किया। उन्होंने विवश होकर अधिवक्ता के माध्यम से 19 मार्च 2021 को विधिक सूचना पत्र प्रेषित कर राशि की मांग की गई।
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