छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: शहर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता धनेश सिंह ने बलौदाबाजार की घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में छत्तीसगढ़ की छवि शांतिप्रिय राज्य के रूप में जानी जाती है, लेकिन इस घटना ने पूरे प्रदेश को कलंकित कर दिया है।
ऐसा प्रतीत होता है कि इस घटना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के सतनामी समाज को बदनाम करने की साजिश रची गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में 60 लोगों को जेल भेजा जा चुका है और 200 से ज्यादा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है ।
लेकिन कार्रवाई के नाम पर पुलिस द्वारा निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर मुकदमा दायर किया जा रहा है, जिसे तत्काल वापस लिए जाने की आवश्यकता है। इस घटना की जांच उच्च न्यायालय के पदेन न्यायाधीश से किया जाना चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
उन्होंने बलौदा बाजार जिले का नाम बाबा गुरु घासीदास के नाम पर करने की मांग की है। उन्होंने कहा, पूर्व में कांग्रेस की सरकार ने भी सतनामी समाज के धर्म स्थलों और लोगों को विशेष रूप से टारगेट किया था। कांग्रेस और भाजपा ओछी और छुआछूत प्रवृत्ति का परिचय दे रही हैं। दोनों पार्टियों ने सतनामी समाज को सिर्फ वोट बैंक की नजर से देखा है। सरकार अपनी प्रशासनिक गलती को छिपाने बर्बरतापूर्वक एक समाज विशेष के लोगों पर कार्रवाई कर रही है, इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।
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