बिहार
सिवान/स्वराज टुडे: असम के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार (18 मई 2024) को कहा कि अगर एनडीए की सरकार 400 सीटों के साथ सत्ता में लौटती है तो वह समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लाएगी और चार बार शादी करने के धंधे को खत्म कर देगी.
सीवान के रघुनाथपुर में शनिवार को एक जनसभा में हिमंत बिस्वा सरमा ने मदरसों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम मुल्ला पैदा करने वाली दुकानें बंद कर देंगे और मुस्लिम आरक्षण खत्म कर देंगे. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “मोदी को 400 सीटें दीजिए, समान नागरिक संहिता आएगी और हम चार शादी करने की दुकान बंद कर देंगे… ठीक वैसे ही जैसे हमने अपने यहां खत्म किया था.”
असम में मैंने बंद किए 700 मदरसे
असम के सीएम ने आगे कहा कि अब देश बदल गया है… जब मैं तीन साल पहले असम में पहली बार मुख्यमंत्री बना तो एक अधिकारी मेरे पास एक फाइल लेकर मेरे हस्ताक्षर मांगने आए. यह मदरसा शिक्षकों के वेतन के बारे में था. मैंने उनसे पूछा कि ये मदरसा क्या है? इस पर उस अधिकारी ने कहा कि वह जगह जहां मुल्ला बनते हैं?
मैंने इस पर उस अधिकारी से कहा कि आप हमारा पैसा मुल्ला पैदा करने वाली दुकान को देंगे, ये कैसे हो सकता है? आज से यह दुकान बंद करो. असम में हमने 700 मदरसों को बंद कर दिया है, लेकिन किसी की आवाज उठाने की हिम्मत नहीं हुई. क्योंकि यह नया भारत है. यह लालू प्रसाद यादव का भारत नहीं है. यह मोदी का भारत है, यह हमारा भारत है, यह हिंदुओं का भारत है और जो भी इस नए भारत से टकराएगा, वह यमराज के घर पहुंच जाएगा.
400 सीटें दीजिए, हमें बहुत काम करना है- सीएम सरमा
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हम अब मुल्ला बनाने वाली दुकानें नहीं चलने देंगे. हम डॉक्टर, इंजीनियर बनाने का काम करेंगे… मोदी जी को 400 सीटें चाहिए. हमें समान नागरिक संहिता लाने की जरूरत है, हमें कृष्ण जन्मभूमि बनाने की जरूरत है, हमें ज्ञानवापी मंदिर बनाने की जरूरत है, हमें मुसलमानों के लिए आरक्षण खत्म करने की जरूरत है.
सीवान में त्रिकोणीय है मुकाबला
बता दें कि सीवान लोकसभा सीट से एनडीए की ओर से जदयू उम्मीदवार विजय लक्ष्मी देवी, राष्ट्रीय जनता दल से अवध बिहारी चौधरी और राष्ट्रीय जनता दल की बागी और निर्दलीय उम्मीदवार हीना साहब चुनाव मैदान में हैं. हीना साहब शहाबुद्दीन की पत्नी हैं.
पिछले आम चुनाव में भाजपा ने 22 सीटें जीती थीं, जबकि जदयू ने 16 सीटें जीती थीं। दोनों दलों ने गठबंधन में चुनाव लड़ा, जिसमें भाजपा वरिष्ठ सहयोगी के रूप में उभरी। एनडीए के एक अन्य सदस्य एलजेपी ने 6 सीटें हासिल कीं। इस बीच, महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने बिहार में सिर्फ 1 सीट जीती।
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, भाजपा ने नीतीश कुमार की पार्टी पर बढ़त ले ली है और इस चुनाव में वरिष्ठ सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ रही है। भाजपा 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि जदयू 16 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। शेष 7 सीटों पर एनडीए के अन्य सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे।
कुल मिलाकर, बिहार में लोकसभा चुनावों पर कड़ी नजर रहेगी, राजनीतिक दल इस महत्वपूर्ण राज्य में बहुमत हासिल करने के लिए कड़ी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं।
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