नई दिल्ली/स्वराज टुडे: सियाचिन में अपने साथी सैनिकों को आग से बचाते हुए कैप्टन अंशुमान सिंह ने अपनी जान कुर्बान कर दी। उनकी शहादत के लिए उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के दूसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से नवाजा है।
यह वीरता पुरस्कार लेने के लिए जब उनकी विधवा स्मृति सिंह पहुंची तो राष्ट्रपति भवन के सभागार में मौजूद सभी लोग भावुक हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मौके पर मोजूद थे।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक छोटी सी क्लिप में स्मृति सिंह और कैप्टन अंशुमान सिंह की मां को राष्ट्रपति से पुरस्कार लेते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में स्मृति को हाथ जोड़ते हुए दिखाया गया है। वॉयसओवर उनके दिवंगत पति के बलिदान की प्रशंसा चल रही होती है। एक्स के एक पोस्ट में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “अपनी खुद की सुरक्षा की परवाह किए बिना उन्होंने एक बड़ी आग की घटना में कई लोगों को बचाने के लिए असाधारण बहादुरी और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया।”
जुलाई 2023 में शॉर्ट सर्किट के कारण सियाचिन में भारतीय सेना के गोला-बारूद के ढेर में सुबह 3 बजे आग लग गई थी। जब आग लगी तो कैप्टन अंशुमान सिंह ने फाइबर-ग्लास की झोपड़ी के अंदर फंसे लोगों को बचाने में मदद की। आग पास के मेडिकल जांच शेल्टर में फैल गई तो कैप्टन अंशुमान सिंह ने अंदर से जीवन रक्षक दवा निकालने की कोशिश की। दुर्भाग्य से वे गंभीर रूप से जल गए और उनकी मृत्यु हो गई।
स्मृति सिंह ने कहा, “वह बहुत सक्षम थे। वह मुझसे कहते थे कि मैं अपने सीने में पीतल के साथ मरूंगा। मैं एक साधारण मौत नहीं मरूंगा।”
अपनी प्रेम कहानी को याद करते हुए उन्होंने कहा: “हम अपने इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन मिले थे। मुझे पहली नजर में उनसे प्यार हो गया था। एक महीने के बाद ही उनका चयन सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय (AFMC) में हो गया। वह बहुत बुद्धिमान व्यक्ति थे। उसके बाद हम आठ साल तक लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहे और फिर हमने सोचा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए, इसलिए हमने शादी कर ली।”
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से शादी के दो महीने के भीतर उन्हें सियाचिन में तैनात कर दिया गया। 18 जुलाई को हमने इस बारे में लंबी बातचीत की कि अगले 50 सालों में हमारा जीवन कैसा होगा। हम एक घर बनाएंगे, बच्चे पैदा करेंगे। 19 तारीख की सुबह मुझे फोन आया कि वह अब नहीं रहे। पहले 7-8 घंटों तक हम यह स्वीकार ही नहीं कर पाए कि ऐसा कुछ भी हो सकता है। आज तक मैं इस दुख से उबरने की कोशिश कर रही हूं। सोच रही हूं कि शायद यह सच नहीं है। अब जब मेरे हाथ में कीर्ति चक्र है तो मुझे एहसास हुआ कि यह सच है। लेकिन कोई बात नहीं, वह एक हीरो हैं। हम अपनी जिंदगी को थोड़ा संभाल सकते हैं क्योंकि उन्होंने बहुत कुछ संभाला है। उन्होंने अपनी जिंदगी और परिवार को त्याग दिया ताकि बाकी तीन परिवार बच सकें।”
Cpt #AnshumanSingh was awarded the #KirtiChakra (posthumously). It was an emotional moment for his wife, Veer Nari Smt. Smriti, who accepted the award from President Smt. Droupadi Murmu. Smt. Smriti shares the inspiring story of her husband's commitment and dedication to the… pic.twitter.com/HfqWsJAnsv
— Doordarshan National दूरदर्शन नेशनल (@DDNational) July 6, 2024
यह भी पढ़ें: PM आवास योजना की पहली किस्त मिलते ही 11 महिलाएं हुई बेवफा ! घर परिवार छोड़ प्रेमियों संग फरार
यह भी पढ़ें: कश्मीर में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में 4 आतंकी ढेर, एक जवान भी शहीद
यह भी पढ़ें: दुल्हन को लेकर ख़ुशी ख़ुशी घर लौटी बारात, फिर 2 घण्टे बाद दूल्हे ने कर ली खुदकुशी, दुल्हन का रो-रोकर बुरा हाल
Editor in Chief