दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश देने वाली हल्द्वानी की DM वंदना सिंह, रह चुकी हैं UPSC Topper

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उत्तराखंड
हल्द्वानी/स्वराज टुडे: पहाड़ों और हरियाली के बीच बसे शहर हल्द्वानी की शांति इन दिनों भंग हो गई है. हल्द्वानी की सड़कों पर गुरुवार शाम उपद्रवियों ने जमकर हंगामा किया है. पुलिसकर्मियों पर हमला, पत्थरबाजी और पेट्रोल बम से हमले के चलते 2 लोगों की मौत भी हो गई है और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. हल्द्वानी में माहौल को काबू करने के लिए डीएम वंदना सिंह के एक्शन की चर्चा हर तरफ हो रही है.

दरअसल, अवैध मदरसे को बुलडोजर से हटाया जा रहा था. इस दौरान भीड़ उग्र हो गई और थाने को आग लगाने की कोशिश की गई. हालात ऐसे बिगड़े कि उपद्रव मचाने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं. दंगाइयों पर एक्शन लेने वाली डीएम वंदना सिंह की पहचान सख्त ऑफिसर के तौर पर है. आइए डीएम वंदना के करियर पर एक नजर डालते हैं.

हल्द्वानी दंगे पर एक्शन

आईएएस बनने के बाद वंदना को अल्मोड़ा जिले में DM के पद पर पोस्टिंग मिली है. इसके बाद वो नैनीताल जिले में डीएम बन गई हैं. नैनीताल जिले के अंतर्गत आने वाले हल्द्वानी शहर में भड़के दंगे के तुरंत बाद डीएम वंदना ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि उपद्रवियों द्वारा थाने में मौजूद अफसरों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई थी.

हरियाणा की रहने वाली

IAS वंदना सिंह चौहान मूलरूप से हरियाणा के नसरूल्लागढ़ की रहने वाली हैं. उनका जन्म एक ज्वाइंट फैमिली में हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई होमटाउन से ही हुई है. परिवार को बेटी के अधिक पढ़ने पर भी शिकायत थी, लेकिन उनके पिता महिपाल सिंह चौहान ने उन्हें मुरादाबाद स्थित गुरूकुल में भेज दिया, जहां से उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की.

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LLB की डिग्री

स्कूलिंग के बाद वंदना सिंह ने आगरा के डॉ बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी में LLB में एडमिशन लिया. परिवार से अधिक सहयोग ना मिलने पर वो घर से ही पढ़ाई करती थीं. ऑनलाइन बुक्स मंगाकर उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया और फिर सिविल सर्विस की तैयारी में लग गईं.

 

पहले प्रयास में टॉपर

घर पर रहकर ही वंदना सिंह ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. वो रोजाना 10 से 12 घंटे पढ़ाई करती थीं. साल 2012 में अपने पहले ही प्रयास में वंदना ने UPSC Prelims, मेन्स और इंटरव्यू राउंड क्रैक कर लिया. उन्हें इस परीक्षा में आठवाँ रैंक प्राप्त हुआ और वो IAS अधिकारी बन गईं.

दीपक साहू

संपादक

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