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तुम्‍हारा बेटा रेप केस में फंस गया है…और कॉलर खुद को पुलिसवाला बताए तो हो जाएं सावधान

उत्तरप्रदेश
गोरखपुर/स्वराज टुडे: ‘तुम्हारा बेटा रेप केस में फंस गया है…।’ यदि आपके पास कभी ऐसा कोई फोन आए और फोन करने वाला खुद को पुलिस से बताए तो सावधान हो जाएं। पहले अपने बेटे से बात करें और कोई भी अगला कदम उठाने से पहले स्थानीय पुलिस से सम्पर्क जरूर कर लें। ऐसा न करके फोन आते ही घबरा जाने वाले कई लोगों के साथ जालसाजी हो चुकी है।

ठग ने लगा दिया 4 लाख 70 हजार का चूना

दरअसल गोरखपुर में ही पुलिस वाला बनकर बेटे को रेप केस में रिहा करने के नाम पर एक जालसाज ने एक व्यक्ति से 4 लाख 70 हजार रुपये की ठगी कर ली पीड़ित पिता की तहरीर पर जिले के तिवारीपुर थाने की पुलिस ने अज्ञात जालसाज पर आईटी एक्ट और जालसाजी की धारा में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

AI टेक्निक से बेटे की आवाज में ठगों ने की बात

पुलिस को दी तहरीर में तिवारीपुर के अधियारीबग निवासी अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि 24 फवरी 2024 को उनके पास व्हाट्सप काल आई। फोन करने वाले ने खुद को पुलिसवाला बताया। कहा कि तुम्हारा बेटा रेप केस में फंस गया है और हिरासत में है। हम जानते है कि वह निर्दोष है और दोस्तों के चक्कर मे फंस गया है।

अगर रुपये तुम भेज दो तो उसे छोड़ दिया जाएगा। साथ ही उसने एआई टेक्निक से बेटे से अशोक की बात भी कराई, जिससे उनको विश्वास हो गया। जालसाज की ओर से दिए गए दो नम्बरों पर ऑनलाइन व एकाउंट से अशोक ने पैसे भेज दिया। बाद में उनकी बात बेटे से हुई तो पता चला कि ऐसा कोई मामला ही नहीं था। ठगी की जानकारी होने के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत की। पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

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जानिए क्या है एआई टेक्निक 

एआई यानी  Artificial Intelligence  यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता मशीनों, विशेषकर कंप्यूटर सिस्टम द्वारा मानव खुफिया प्रक्रियाओं का अनुकरण है। एआई के विशिष्ट अनुप्रयोगों में विशेषज्ञ प्रणाली , प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण , वाक् पहचान और मशीन विजन शामिल हैं ।

साइबर ठग कर रहे हैं AI टेक्निक का दुरुपयोग

साइबर ठगों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी AI को ठगी का नया हथियार बना लिया है। इस तकनीक से किसी भी व्यक्ति की आवाज की कॉपी भी की जा सकती है । ठगों द्वारा किसी भी शख्स को उसके परिचित रिश्तेदार अथवा मित्र बनकर उन्हीं की आवाज में कॉल करके पैसों की मांग भी की जाती है और जो बगैर सोचे समझे  ठगों के झांसे में आ जाते हैं वे ठगी का शिकार हो जाते हैं । लिहाजा लोगों को केवल कॉलर की आवाज सुनकर उनकी बातों को सच मान लेने की बजाय स्वयं अपने संबंधितों को उनके नंबर पर कॉल करके सत्यता की पड़ताल अवश्य कर लेना चाहिए । ध्यान रहे आपकी सतर्कता ही आपका बचाव है ।

Deepak Sahu

Editor in Chief

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