सिर्फ रतिक्रिया ही एक स्त्री को पूरी तरह संतुष्ट कर सकता है, ऐसा मानना पूरी तरह सही नहीं है। स्त्री से प्रेम में यह सोचना कि वह आपसे पूरी तरह खुश है, एक बड़ी नादानी हो सकती है। दूसरे शब्दों में ये कह सकते हैं कि एक पुरुष कभी नहीं जान पाता कि उसकी पत्नी या उसकी महिला मित्र उससे पूरी तरह खुश है या नहीं क्योंकि महिलाओं के स्वभाव को समझना नामुमकिन होता है।
स्त्री का प्राकृतिक स्वभाव
स्त्री के स्वभाव में ही यह है कि अगर आप बहुत ज्यादा केयर करेंगे, तो वह उससे ऊब जाएगी। अगर आप उग्र रहेंगे, तो वह उससे बिदक जाएगी। बहुत ज्यादा विनम्रता से भी उसे चिढ़ हो सकती है। अगर आप उससे बहुत बातें करेंगे, तो वह आपको हल्के में लेने लगेगी, और अगर आप कम बात करेंगे, तो उसे शक होगा कि आपका ध्यान कहीं और है।
यानी, आप कुछ भी कर लें, उसे पूरी तरह संतुष्ट करना बेहद कठिन है। यह स्त्री का स्वाभाविक गुण है कि वह एक ऐसा संयोजन खोजती है जो शायद बन ही नहीं सकता।
हमेशा बेहतर की तलाश
यह ठीक वैसा ही है जैसे वह कपड़े खरीदने जाती है। एक ही रंग में दूसरा डिज़ाइन, या एक ही डिज़ाइन में दूसरा रंग मांगती है। आखिर में बड़ी मेहनत से जो पसंद आए, उसमें भी सोचती रहती है कि काश इसमें थोड़ा और बदलाव होता।
अपनी पसंद का रखती हैं जीवन भर ख्याल चाहे रिश्ता हो या कोई सामान
हमेशा बेहतर की तलाश में रहने के बावजूद, स्त्री की एक अनोखी खूबी यह भी है कि जो चीज़ उसे पसंद आ जाती है, वह उसे आखिरी दम तक सहेज कर रखती है। चाहे वह रिश्ता हो या चूड़ी कपड़े वैगेरह, भले ही उसकी चमक फीकी पड़ जाए, पर वह उसे खुद से जुदा नहीं करती।
यही खूबी स्त्री को खास बनाती है। इसीलिए, प्रेम में यह उम्मीद रखना कि वह आपसे पूरी तरह संतुष्ट होगी, एक भ्रम हो सकता है। यह स्त्री के मूल स्वभाव का हिस्सा है।
यह भी पढ़ें: नाबालिग प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या: कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, एक साल पहले हुआ था मर्डर
यह भी पढ़ें: ग्रामीण डाक सेवक के पदों पर निकली बंपर भर्ती, जानें आयुसीमा और योग्यता
Editor in Chief