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मध्यप्रदेश
भोपाल/स्वराज टुडे: मध्य प्रदेश में आगामी 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू होने जा रही है, जिसके तहत राज्य में पहली बार “लो-अल्कोहलिक बेवरेज बार” खोले जाएंगे। वहीं, 17 पवित्र शहरों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी जाएगी। एक सरकारी अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
क्या है नए “लो-अल्कोहलिक बेवरेज बार” का नियम?
इन नए बार में केवल बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ ही उपलब्ध होंगे, जिनमें अधिकतम 10% वी/वी (वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम) अल्कोहल होगा। इनमें स्प्रिट (व्हिस्की, रम, वोडका आदि) का सेवन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
राज्य में कितने बार और दुकानें होंगी प्रभावित?
वर्तमान में मध्य प्रदेश में लगभग 460-470 शराब-सह-बीयर बार हैं, लेकिन इन नए आउटलेट्स के खुलने से यह संख्या तेजी से बढ़ेगी। दूसरी ओर, 17 धार्मिक स्थलों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध के कारण कुल 47 शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी।
किन शहरों में पूरी तरह से बंद होगी शराब बिक्री? राज्य के जिन शहरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है, वे इस प्रकार हैं:
इन धार्मिक स्थलों पर शराब बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित
उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर सहित कुल 19 स्थान। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 23 जनवरी को इन स्थानों पर शराब बिक्री प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। सरकार को होगा 450 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान राज्य सरकार को इस निर्णय से आबकारी राजस्व में लगभग 450 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह फैसला सामाजिक हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
शराब ले जाने और पीने पर कोई पाबंदी नहीं
हालांकि, मध्य प्रदेश में बिहार की तरह पूर्ण शराबबंदी कानून नहीं है। इसलिए जिन स्थानों पर दुकानें बंद होंगी, वहां बाहर से शराब लाकर व्यक्तिगत रूप से पीने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
नई आबकारी नीति के अन्य बदलाव शराब दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20% की वृद्धि की गई है। हेरिटेज शराब और वाइन उत्पादन नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। विदेशी शराब की बोतलें बनाने वाली इकाइयों को विशेष शराब बनाने, भंडारण, निर्यात, आयात और बिक्री की अनुमति दी जाएगी।मध्य प्रदेश में 3600 मिश्रित शराब की दुकानें इस वित्त वर्ष में करीब 15,200 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व जुटा सकती हैं। नई आबकारी नीति के तहत जहां ‘लो-अल्कोहलिक बेवरेज बार’ खोलने की अनुमति दी जा रही है, वहीं धार्मिक और विशेष स्थलों पर शराब की बिक्री पूरी तरह बंद की जा रही है। इस नीति का उद्देश्य सामाजिक संतुलन बनाए रखते हुए राजस्व में वृद्धि करना है।
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