रेस्टोरेंट मालिक को संपत्ति से जुड़े सभी दस्तावेज दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है. 10 दिन के अंदर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
कानपुर /स्वराज टुडे: उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी विवाद के बीच कानपुर के बेकनगंज इलाके में राम जानकी मंदिर का वजूद मिटाए जाने का मामला सामने आया है. वहीं इससे जिला प्रशासन भी सकते में आ गया है. मंदिर परिसर और भवन का वजूद मिटाए जाने का पता शहर में शत्रु संपत्तियों की तलाश के दौरान हुआ है. एसडीएम सदर द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि 1990 के आसपास यहां पर मंदिर हुआ करता था, जहां अब नॉनवेज और स्वीट हाउस का रेस्टोरेंट है.
आज भी देखा जा सकता है मंदिर के अवशेष
जानकारी के मुताबिक 1992 में बाबरी मस्ज़िद विध्वंस में हुए दंगो के दौरान इस रामजानकी मंदिर को तोड़ा गया था. मंदिर का कुछ हिस्सा अभी भी बचा हुआ है जो कि जीर्ण शीर्ण हालत में है. मंदिर को अंदर ही अंदर तोड़कर रेस्टोरेंट की रसोई के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, मंदिर के कुछ अवशेष अभी भी दिखाई दिए हैं. जिस मंदिर को तोड़कर रेस्टोरेंट बनाया गया वह देश का एक मशहूर रेस्टोरेंट है.
मुख्तार बाबा ने खरीदी थी जमीन
दरअसल बेगमगंज के डॉक्टर बेरी चौराहा स्थित भवन संख्या 99/14 A में राम जानकी मंदिर ट्रस्ट की जमीन थी, जहां भगवान श्री राम का मंदिर था. हालांकि इस संपत्ति को पाक नागरिक आबिद रहमान का बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार मुख्तार बाबा ने संपत्ति को मुस्लिम लॉ के मुताबिक दान में लिखा पढ़ी करके लिया था. उसके बाद वसीयत करके खुद संपत्ति की खरीद-फरोख्त शुरू कर दी. जबकि राम जानकी मंदिर ट्रस्ट में आगे हिंदुओं की दुकानें थी जिन को एक-एक करके तोड़ दिया गया. लेकिन जिला प्रशासन इस मामले में अभी ज्यादा कुछ बोलता हुआ नहीं दिख रहा है.
जिला प्रशासन ने दिया 10 दिन का समय
वहीं शत्रु संपत्ति अभी रक्षक की ओर से मुख्तार बाबा के नाम पर नोटिस जारी कर दिया गया है और मुख्तार बाबा को संपत्ति से जुड़े सभी दस्तावेज दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है. 10 दिन के अंदर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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