अगर अपने किसी करीबी की हुई है अकाल मृत्यु तो हो जाएं सतर्क, आत्माओं को लेकर विज्ञान ने किया ये दावा

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भूत-प्रेत से जुड़ी कहानियां आपने जरूर सुनी होगी। अलग अलग धर्मों में इन रहस्यमयी शक्तियों से जुड़ी अलग अलग धारणाएं है। अक्सर हम सुनते हैं कि भूत कई बार इंसानों से संपर्क करने की कोशिश करते हैं या फिर अपनी मौजूदगी का अहसास करवाते हैं।

बहुत से लोग इन चीजों में विश्वास नहीं करते हैं कि वाकई में कोई ऐसी शक्ति होती है? इस सवाल का जवाब खोजने के लिए हमें विज्ञान, मनोविज्ञान के बीच संतुलन बनाना होगा। यहां हम यह बताने की कोशिश करेंगे कि क्या भूत वाकई इंसानों का पीछा करते हैं?

भूत-प्रेत की अवधारणा का इतिहास

भारत में भूत-प्रेतों की कहानियाँ आपने कई बार सुनी होगी। पौराणिक कथाओं, लोककथाओं और धार्मिक ग्रंथों में भी आत्माओं की मौजूदगी का जिक्र है। ऐसा माना जाता है कि कुछ आत्माएँ, जिनकी कोई इच्छा अधूरी रह जाती है उन्हें मोक्ष प्राप्त नहीं होता और वे भूत बनकर धरती पर भटकती हैं। ऐसी आत्माएँ उन लोगों को परेशान करती है जिनसे उनका व्यक्तिगत संबंध रहा हो।

विज्ञान और भूतों के बीच संबंध

विज्ञान की मानें तो ऐसी एंटिटीज को साबित करने का कोई ठोस सबूत नहीं है। मनो विज्ञान ऐसी घटनाओं को ‘मतिभ्रम’ या मानसिक भ्रम से जोड़ता है। जब किसी व्यक्ति को कोई तनाव हो तो उसे ऐसा लग सकता है कि कोई अदृश्य शक्ति उसका पीछा कर रही है। इसके पीछे तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क में होने वाली केमिकल एक्टिविटीज भी जिम्मेदार हो सकती है।

कई लोगों ने भूतों के होने का किया दावा

हालांकि, कई लोग अपने अनुभवों के आधार पर बताते हैं कि उन्हें लगता है भूत उनका पीछा कर रहे हैं। इन्हें कभी-कभी असाधारण गतिविधियाँ या आत्मा घटनाएँ कहा जाता है। इनमे आवाज़ें सुनना, किसी अदृश्य शक्ति की उपस्थिति महसूस करना या किसी मरे हुए व्यक्ति से जुड़े सपने देखना शामिल है।

किन-किन देशों में या धर्म में भूत-प्रेत की मान्यताएं प्रचलित हैं

यदि हम देशों की बात करें तो लगभग सभी देशों में भूत-प्रेत का प्रचलन है। अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह से भूत-प्रेत के बारे में कथा कहानियां प्रचलित हैं तथा अलग-अलग तरह से उनके प्रकारों को बताया गया है। अगर हम बात करें धर्मों के बारे में तो अलग-अलग धर्म में भूत-प्रेत का अलग-अलग वर्णन मिलता है।जैसे- हिन्दू धर्म के बारे में बात करें तो उसमें भूत प्रेत, पिसाच, दकीनी आदि का जिक्र मिलता है। अगर हम बात करें मुस्लिम धर्म की तो उसमें खबीस, जिन्नाद, आदि का जिक्र मिलता है। उसी प्रकार ईसाई, जैन, बौद्ध आदि सभी धर्मों में अलग अलग प्रकार के भूत-प्रेत का जिक्र है।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक ?

वर्तमान में वैज्ञानिकों का मानना है कि फिलहाल ऐसी कोई तकनीक है ही नहीं जिससे भूतों की मौजूदगी या उनके आकार, व्यवहार का पता किया जा सके. लेकिन सवाल ये भी उठता है कि अक्सर लोगों के फोटोग्राफ्स या वीडियो में पीछे से भागते, मुस्कुराते, झांकते, डरते भूत दिख जाते हैं। इनकी रिकॉर्डिंग्स हैं लोगों के पास और वैज्ञानिकों के पास भी। इनकी आवाजों की रिकॉर्डिंग्स भी लोगों के पास हैं। अगर भूत होते हैं तो वैज्ञानिकों को इनकी जांच करने के लिए पुख्ता सबूत की जरूरत है, जो फिलहाल नहीं है।

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दीपक साहू

संपादक

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