मुम्बई/स्वराज टुडे: एक्टर अन्नू कपूर अभिनीत फिल्म हम दो हमारे बारह को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस फिल्म को लेकर मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जताई है और इसे कश्मीर फाइल्स की तरह एक वर्ग को टारगेट करने वाली फिल्म करार दिया है.
समाज में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति दिखाने के लिए बनाई गई फिल्म हम दो हमारे बारह फिल्म का पहला टीजर रिलीज होने के बाद से इस्लामी कट्टरपंथी इस पर भड़के हुए हैं.
क्या दंगा कराना चाहते हैं?
कई मुस्लिम संगठनों ने फिल्म ना रिलीज करने की चेतावनी दे दी है. रजा एकेडमी के संस्थापक और प्रमुख अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी ने ऐसी फिल्में नहीं दिखाई जानी चाहिए. इस फिल्म में मुसलमानों और शरिया कानून का मजाक उड़ाया गया है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने निर्देशक कमद चंद्रा और निर्माता राधिका जिफिल्स से आग्रह किया कि वे इस फिल्म को प्रदर्शित न करें. इससे देश की अमन-चैन को खतरा है. उन्होंने कहा कि क्या वे हिंदू और मुसलमान के बीच दंगा कराना चाहते हैं? यह फिल्म सात जून को सिनेमा घरों में रिलीज हो रही है.
नहीं लगने देंगे पोस्टर
हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर महाराष्ट्र के सेक्रेटरी युसूफ अंसारी ने कहा कि एक समुदाय को बदनाम करने के लिए यह फिल्म बनाई जा रही है इससे मुस्लिम समाज को ठेस पहुंचेगी. हम दो और हमारे बारह जो यह फिल्म महाराष्ट्र और मुंबई में किसी भी सिनेमा घर, सोशल मीडिया, पोस्टर कहीं लगने नहीं देंगे, जो यह फ़िल्म के डायरेक्टर और अभिनेता हैं क्या वह मुस्लिम हैं? उन्होंने कहा कि हम मुंबई में फिल्म क्या इसका पोस्टर तक नहीं लगने देंगे.
लिया जा रहा धर्म का सहारा
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी केरल फाइल्स फिल्म के जरिए गलत बातें बताई गई थीं. उन्होंने कहा कि रोजगार विकास शिक्षा कि बात न करते हुए धर्म को बीच मे लाया जा रहा है. मौलाना अब्दुल रहमान जियाई ने कहा कि रजा एकेडमी ने फिल्म को बैन करने के लिए हम कानूनी विकल्पों पर काम कर रहे हैं. एकेडमी ने फिल्म को प्रतिबंधित करने के लिए सेंसर बोर्ड को पत्र भी लिखा है.
यह भी पढ़ें: धार्मिक स्थलों से उतरवाए गए लाउडस्पीकर, सीएम मोहन यादव के आदेश पर दो जिलों में कार्रवाई
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार के नेतृत्व में बदल गई भारतीय रेलवे की तस्वीर, लेकिन आम यात्रियों का हाल बेहाल
यह भी पढ़ें: बाजार में बिक रहा आवारा कुत्तों का खून! एक यूनिट की कीमत 10 हजार; जानिए क्यों खरीद रहे अमीर लोग
Editor in Chief