उत्तरप्रदेश
वाराणसी/स्वराज टुडे: Teacher Murder हत्या के करीब 40 घंटे बाद राजकीय हाईस्कूल (महगांव) के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार का शव मुजफ्फर नगर से बनारस पहुंचा। मंगलवार शाम पांच बजकर तीन मिनट पर जैसे ही चितईपुर (खैरा-कंदवा) टीचर्स कालोनी स्थित उनके आवास पर शव पहुंचा कोहराम मच गया।
शव पहुंचते ही घर में मच गया कोहराम
शव देखकर उनकी पत्नी रूपा देवी व उनकी मां हिरौता देवी बेसुध हो गईं। लोग उनकी पत्नी को होश में लाने का प्रयास करते रहे। वे होश में आतीं और दहाड़े मारकर रोने लगतीं। उनकी पत्नी, मां समेत परिवारीजन का रो-रो कर बुरा हाल था। आसपास की महिलाओं व लोगों का कलेजा मुंह को आ गया।
उनकी पत्नी बार-बार लोगों से पूछती रहीं आखिर पुलिस ने गोली क्यों मार दी। हालांकि गमगीन इस माहौल में कोई जवाब देने वाला नहीं था। जब भी पूछतीं सन्नाटा छा जाता। मौके पर पहुंचे उनके रिश्तेदार, पड़ोसियाें, शिक्षकों, शुभचिंतकों समेत सभी की आंखे नम थीं। परिजन एक-दूसरे को ढाढ़स बंधाते देखे गए। धर्मेंद्र बौद्ध धर्म को मानते थे। इससे आधा दर्जन बौद्ध धर्माचार्य भी पहुंचे थे।
अड़े परिजन, पहुंचे डीएम
भंते बौद्ध रीति से अंतिम संस्कार के बाद शव को ले जाने के लिए जैसे लोग तैयार हुए। उनके परिवारीजन मौके पर जिलाधिकारी को बुलाने की मांग पर अड़ गए। इसकी सूचना मिलने पर जिलाधिकारी एस राजलिंगम करीब छह बजकर 31 मिनट पर धर्मेंद्र के आवास पर पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित की।
डीएम के समक्ष परिजनों ने रखी यह मांगे
जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने धर्मेंद्र के भाई जितेंद्र व परिवारीजन के साथ आधा घंटे तक बात की। इस दौरान उनके परिवारीजनों ने भदोही में शिक्षक पद पर तैनात मृतक की पत्नी को वाराणसी स्थानांतित करने, छोटे भाई जितेंद्र को सरकारी नौकरी, बची हुई नौकरी के वेतन को एकमुश्त दिलाने सहित विभिन्न मांगें रखी। डीएम ने मांग शासन को प्रेषित करने का आश्वासन दिया। डीएम के आश्वासन के बाद शाम छह बजकर 57 मिनट पर वाहन से शवयात्रा निकली।
गुंजा ‘बौद्ध की करुणा हो’, ‘धर्मेंद्र कुमार अमर रहे’ का नारा
बौद्ध की करुणा हो, धर्मेंद्र कुमार अमर रहे के नारे के साथ जब शिक्षक का शव निकला तो सबकी आंखे नम हो गई। बड़ी संख्या में पहुंचे शिक्षकों,परिवारीजन सहित सैकड़ों की संख्या में लोगों ने इस घटना की निंदा की। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही से इतनी बड़ी घटना हुई।
शव यात्रा में शामिल हुई बड़ी हस्तियां
शवयात्रा में जिलाधिकारी एस राजलिंगम, एमएलसी लाल बहादुर यादव, पूर्व एमएलसी चेतनारायण सिंह, वाराणसी मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक रामशरण सिंह, डीआइओएस अवध किशोर सिंह, सह-जिला विद्यालय निरीक्षक जयराम सिंह, राजकीय हाईस्कूल (महगांव) के प्रधानाचार्य श्रीराम यादव, क्वींस कालेज के प्रधानाचार्य डा. सुमित श्रीवास्तव, उप प्रधानाचार्य डा. बृजेश सिंह, एडीएम सिटी, एडीसीपी, एसीपी समेत लोहता, मंडुवाडीह, रोहनियां की फोर्स संग पुलिस बल शामिल थे।
हेड कांस्टेबल ने मामूली बात पर शिक्षक धर्मेंद्र को मार दी थी गोली
अंतिम संस्कार सरायमोहना स्थित श्मशान घाट पर बौद्ध धर्म रीति से हुआ। मुखाग्नि उनके छोटे भाई जितेंद्र ने दी। वहीं घाट बड़ी संख्या में शिक्षक पहुंचे थे। मूल रूप से चंदौली जिले के रामगढ़ बैराठ निवासी शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की मुजफ्फरनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह यूपी बोर्ड परीक्षा की कापी लेकर मुजफ्फरनगर गए थे। उनकी हत्या का आरोप उनके साथ गए हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश पर है।
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