स्ट्रोक आने से 7 दिन पहले शरीर में दिखने लगते हैं ये 7 लक्षण, समय रहते पहचान लेने पर बच सकती है जान

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ब्रेन स्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति है, जिसमें दिमाग की नस फट जाती है। कुछ मामलों में स्ट्रोक आने से एक सप्ताह पहले इसके लक्षण दिखने लगते हैं। आइए, जानते हैं इसके बारे में विस्तार से –

स्ट्रोक को ब्रेन अटैक भी कहा जाता है। यह स्थिति तब पैदा होती है जब ब्रेन में सही तरह से खून की सप्लाई नहीं हो पाती है या ब्रेन में रक्त वाहिका फट जाती है। ऐसे में, मस्तिष्क तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है, जिसकी वजह से मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में अगर मरीज को तुरंत इलाज न मिले, तो विकलांगता या मृत्यु का खतरा होता है। हालांकि, स्ट्रोक आने से पहले शरीर में इसके कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। एक स्टडी के अनुसार, स्ट्रोक के 43% मरीजों ने स्ट्रोक आने से एक सप्ताह पहले तक मिनी स्ट्रोक के लक्षणों का अनुभव किया। ब्रेन स्ट्रोक की तरह मिनी स्ट्रोक भी दिमाग में ब्लड की सप्लाई रुकने के कारण आता है। लेकिन इससे स्थायी क्षति नहीं होती है और 24 घंटे में खुद ही ठीक हो जाता है। हालांकि, इसके लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय रहते स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानकर इलाज लेने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि स्ट्रोक आने से 7 दिन पहले कौन से लक्षण नजर आ सकते हैं।

हाथ-पैरों में कमजोरी

स्ट्रोक आने से करीब सात दिन पहले व्यक्ति को हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस हो सकती है। साथ ही, हाथ या पैरों में सुन्नता का अनुभव भी हो सकता है। इस तरह के लक्षण नजर आने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

धुंधला दिखाई देना

स्ट्रोक आने से सात दिन पहले मरीज को अचानक से कम या धुंधला दिखाई देने लगता है। आपको इस लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

कंफ्यूजन

स्ट्रोक आने से सात दिन पहले व्यक्ति को अचानक कंफ्यूजन होने लगता है। उसे चीजों को समझने या याद रखने में कठिनाई होती है। साथ ही, बोलने में भी परेशानी होती है। इन लक्षणों को भूलकर भी नजरअंदाज न करें।

साफ बोलने में दिक्कत होना

स्ट्रोक आने से एक सप्ताह पहले मरीज को बोलने में दिक्कत महसूस हो सकती है। ऐसी स्थिति में वह स्पष्ट रूप से नहीं बोल या समझ पाता है। अगर आपको ये लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

बैलेंस बिगड़ना

स्ट्रोक आने से सात दिन पहले व्यक्ति को शरीर का संतुलन बनाए रखने में परेशानी आ सकती है। ऐसे में, मरीज को चलने-फिरने में दिक्कत होती है। इतना ही नहीं, सही तरह से बैलेंस न बना पाने के कारण व्यक्ति गिर भी सकता है।

याददाश्त कम होना

स्ट्रोक आने से पहले व्यक्ति की याददाश्त पर भी असर पड़ने लगता है। ऐसे में, उसे चीजों को याद रखने में या किसी चीज पर फोकस करने में दिक्कत होने लगती है।

चक्कर आना

स्ट्रोक आने से सात दिन पहले व्यक्ति को चक्कर आने लगते हैं। अगर आपको बिना किसी कारण अचानक से बार-बार चक्कर आ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ब्रेन स्ट्रोक के सामान्य कारण

  • Smoking
  • Alcohol
  • मोटापा
  • Diabetes
  • Heart diseases
  • उच्च रक्तचाप (high blood pressure)
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल  (high cholesterol)

ब्रेन स्ट्रोक होने पर तुरंत उठाए जाने वाले कदम

Brain stroke एक ऐसी condition है जिसमें मस्तिष्क के किसी भाग में रक्त की सप्लाई रुक जाती है। इसके परिणामस्वरूप, वह भाग ठीक से काम नहीं कर पाता हैं या वह बंद हो जाता है। इससे संबंधित समय-समय पर जांच करना जीवन बचाने वाला साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि ऐसे में कौन-कौन से कदम उठाए जाएं।

● FAST का इस्तेमाल करें

Brain stroke एक emergency situation है, इसे नज़रअंदाज़ करना बेहद घातक साबित हो सकता है। इसलिए उसे पता करने के लिए FAST तकनीक का उपयोग करें।

F (Face): मुख के किसी भाग में असमानता देखें। क्या मुस्कान असमान है?

A (Arms): दोनों हाथों को उठाने की कोशिश करें। क्या एक हाथ अन्य हाथ से कमजोर दिखाई देता है?

S (Speech): कुछ शब्दों को दोहराएं और जानें। क्या बोलने में तो कोई difficulty नहीं हैं?

T (Time): अगर उपरोक्त लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।

● समय रहते चिकित्सा सहायता प्राप्त करें

अगर आपको लगता है कि कोई व्यक्ति stroke का शिकार हो रहा है, तो तुरंत ambulance बुलाएं या अस्पताल ले जाएं। देरी करने पर patient की condition और बिगड़ सकती है।

● व्यक्ति को आराम प्रदान करें

Stroke आने पर व्यक्ति या patient को सहज और सुरक्षित जगह पर बैठा दें।

● दवाइयों से बचें

Brain stroke आने के बाद patient को किसी भी प्रकार की दवाई ना दे। Doctor की advice के बाद ही कोई दवा शुरू करें।

● Doctor consultation

तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें और जरूरी जांच उपयोग करें। Treatment में किसी भी प्रकार की देरी patient की condition और खराब कर सकती है।

स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक एक second महत्वपूर्ण होता है। उपचार प्रारंभ करने में देरी होने से मरीज की जान भी जा सकती है। इसलिए, यदि आपको लगे कि किसी व्यक्ति को stroke हो रहा है, तो उपरोक्त कदमों का पालन करें और तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराएं ।

दीपक साहू

संपादक

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