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सबसे प्रभावी और शक्तिशाली रुद्राक्ष कौन सा है? इन लोगों को भूलकर भी नहीं पहनना चाहिए, वरना…

रुद्राक्ष एक पवित्र रत्न और आभूषण है, जिसे लोग धार्मिक कारणों से पहनते हैं। यह माना जाता है कि यदि रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण किया जाए, तो यह जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है ।

भगवान शिव के प्रिय रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति को दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।

भोपाल के प्रसिद्ध ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से जानते हैं कि रुद्राक्ष के प्रकार, उसके लाभ और इसे धारण करते समय कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।

रुद्राक्ष के प्रकार और उनके गुणधर्म

मुख्य रूप से 14 प्रकार के रुद्राक्ष होते हैं, जिनका अलग-अलग महत्व और प्रभाव होता है।

सबसे शक्तिशाली रुद्राक्ष ‘एक मुखी रुद्राक्ष’ होता है, जो बहुत दुर्लभ है। इसे भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है। यह मन, आत्मा और शरीर को शांति प्रदान करता है। मानसिक स्थिरता बढ़ाता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।

रुद्राक्ष पहनने के लाभ

रुद्राक्ष धारण करने से कई फायदे होते हैं-

● मानसिक शांति मिलती है
● नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है
● आत्मविश्वास में वृद्धि होती है
● आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत उपयोगी होता है

विशेष रूप से जो लोग ध्यान और आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ रहे हैं, उनके लिए रुद्राक्ष बेहद लाभकारी होता है।

रुद्राक्ष धारण करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

● रुद्राक्ष पहनने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लें।
● इसे हमेशा साफ और पवित्र स्थान पर रखें।
● सोते समय या अंतिम संस्कार में जाते समय इसे न पहनें।
● रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति को मांसाहार और नशे से दूर रहना चाहिए, ताकि इसके पूरे लाभ प्राप्त हो सकें।

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किन लोगों को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए?

◆ गर्भवती महिलाओं को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह बहुत अधिक ऊर्जा उत्पन्न करता है, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है।
◆ जो लोग नियमित रूप से मांसाहार और नशे का सेवन करते हैं, उन्हें रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए।
◆ जिन्हें भगवान शिव पर विश्वास नहीं है, या जो केवल फैशन के लिए रुद्राक्ष पहनते हैं, उनके लिए इसका कोई महत्व नहीं है, इसलिए उन्हें इसे नहीं पहनना चाहिए।

रुद्राक्ष केवल एक गहना नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है

यदि इसे सही नियमों के साथ पहना जाए, तो यह मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से बेहद लाभकारी होता है।

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Deepak Sahu

Editor in Chief

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