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संस्कार मिलन ही सच्चा महारास है: ब्रहमाकुमारी रुक्मणी दीदी

छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: सतयुग के प्रथम राजकुमार श्री कृष्ण आने वाले है। उनके यादगार स्वरूप भारत में ही नहीं पूरे विश्व में श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती हैं। बड़े हर्षोल्लास के साथ भारतवासी धूमधाम के साथ यह त्यौहार मनाते हैं। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के विश्व सद्भावना भवन में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। इस अवसर बाल श्री कृष्ण की झांकी बनाई गई जिसका दर्शन कर सभी श्रद्धादलुजन भाव विभोर हुए। संस्था प्रभारी ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी ने कृष्ण जन्माष्टमी की ढेर सारी शुभकामनाए देते हुए पर्व का आध्यात्मिक अर्थ बताया कि परमात्मा की याद में जब हम खो जाते है तो उनके सुख रूपी आनंद के झुले मे हम झूलने लगते हैं, और मक्खन अर्थात सत्य ज्ञान का स्वाद जब हमें मिलता है तो हम तृप्त हो जाते है।

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जिस प्रकार श्री कृष्ण गोपियों संग महारास करते है उसी प्रकार हमें भी सबके साथ संस्कार मिलन की रास करनी है जहां कई बार बातों को समाया जाता है, स्नेह देना, मनमुटाव को भुलाना और सभी को परमात्मा की संतान समझते हुए समान भाव से सबके प्रति द्रष्टि रखना। यह रास मिलन करना है। जो परमात्मा यर्थात रूप में सिखा रहें है।

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इस संस्कार मिलन से शीघ्र ही नव संसार का निर्माण होगा। सभी श्रद्धालुजनो ने महारास किया। गीत, संगीत का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। सभी ने उमंउ उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. के.सी. देबनाथ, कमल कर्माकर, लवलीन गांधी, रशिम शर्मा तथा संस्था परिवार के सभी भाई बहने उपस्थित थे।

Deepak Sahu

Editor in Chief

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