छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: अत्यंत हर्ष एवं उल्लास के साथ सूचित किया जा रहा है कि पिछले 51 वर्षों से भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी जी की रथयात्रा धूमधाम से मनाई जा रही हैं। इसी तारतम्य में इस वर्ष भी आषाढ़ शुक्ल द्वितीया ( रदुतिया ) 01-07-20२२ दिन शुक्रवार सीतामणी स्टेशन रोड़ में स्थित श्री राजाराम मंदिर से भव्य रथयात्रा निकाली जावेगी ।
रथ यात्रा का महत्व
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अपनी मौसी के घर जाते हैं. रथ यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से तीन दिव्य रथों पर निकाली जाती हैं. सबसे आगे बलभद्र का रथ, उनके पीछे बहन सुभद्रा और सबसे पीछे जगन्नाथ का रथ होता है. इस साल जगन्नाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी और इसका समापन 12 जुलाई को होगा.
क्यों निकाली जाती है रथ यात्रा?
पद्म पुराण के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की बहन ने एक बार नगर देखने की इच्छा जताई. तब जगन्नाथ और बलभद्र अपनी लाडली बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर नगर दिखाने निकल पड़े. इस दौरान वे मौसी के घर गुंडिचा भी गए और यहां सात दिन ठहरे. तभी से जगन्नाथ यात्रा निकालने की परंपरा चली आ रही है. नारद पुराण और ब्रह्म पुराण में भी इसका जिक्र है.
पिछले वर्ष 2021 में कोरोना केस बढ़ने के वजह से कार के द्वारा जगन्नाथ जी की यात्रा निकाली गई थी लेकिन इस वर्ष 2022 में पुनः रथ के द्वारा यात्रा निकाली जाएंगी । रथयात्रा प्रातः पुजन उपरांत दोपहर 03:00 बजे से निकाली जाएगी ।
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