छत्तीसगढ़
रायपुर/स्वराज टुडे: भावी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी स्वयं शिवभक्त है शिव मंदिर की साफ सफाई स्वयं करती है इस तस्वीर के सामने आने से भारत में दशकों से जमी कई प्रकार की गंदगी एक साथ साफ होती प्रतीत हो रही है।
संत श्री राम बालक दास जी महात्यागी ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए 1994 की घटना को याद किया जब पहली बार द्रोपदी मुर्मू जी से उनकी मुलाकात हुई थी उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी जी संतसेवी भी हैं साथ ही आदिवासी समाज के लिए एक आदर्श है,उन्होंने कहा कि जनजातिय समाज मे जन्म लिए एक महिला को श्रेष्ठता के शिखर पर ले जाने के दिशा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का यह महत्वपूर्ण निर्णय जनजातियो के विश्वास अर्जित करने की दिशा में क्रांतिकारी कदम साबित होगा।
आज समस्त जनजातियो का सीना गर्व से फूलने लगा है। महामहिम पद की उम्मीदवार विदुषी महिला की शिव भक्ति देशभर में दर्शनीय है। देश आज पूरी तरह तैयार है उन षड्यंत्रकारियो को जवाब देने के लिए जो आदिवासी को केवल वोट बैंक समझते है। मूलधारा से काट कर उनके नाम पर राजनीति करते है। जनजातिय समाज को भारतीय संस्कृति से काटकर उन पर राजनीति करने वालो को भी यह करारा जवाब है। तस्वीर बताता है कि जनजातिय समाज किस प्रकार भारतीय संस्कृति को जीता है।
विभिन्न मानकों में सबसे नीचे का तबका जनजातिय समाज की विदुषी आज सीधे राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाली है, तो प्रतीक है कि वे सारे मानक टूट कर अब राष्ट्र एक सूत्र में बंधी अपनी तस्वीर पेश करेगा। यही एकसूत्री विचार ही हिंदू राष्ट्र है।
शबरी के राम मिलन से आज द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति भवन तक पहुंचना भारत की पवित्र धरा में सनातन धर्म का जनजातियो के प्रति सम्मान वंदनीय है।
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