शरीर के अस्थिर तत्वों से बिमारियों की उत्पत्ति- डॉ. धीरेन्द्र कुमार यादव

- Advertisement -

छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे:
कामता गौशाला एवं पंचगव्य अनुसंधान केंद्र स्थित खरीद नगर, जिला- जांजगीर चांपा द्वारा निःशुल्क दो दिवसीय पंचतत्व चिकित्सा शिविर का आयोजन टी.पी. नगर में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के विश्व स‌द्भावना भवन में किया गया। दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभांरभ किया गया।

इस अवसर पर गव्यसिद्ध डॉ. धीरेन्द्र कुमार यादव ने कहा कि हमारे यहा गौशाला का संचालन किया जाता है। गौशाला से देशी गाय के बहुत सारे उत्पाद बनाए जाते है, इसके साथ साथ प्राकृतिक चिकित्सा भी दिया जाता है। पंचतत्व चिकित्सा का लाभ लेने लोग प्रतिदिन आते है। पंचतत्व चिकित्सा के बारे में बताया कि जैसे हमारा शरीर पांच तत्वो से बना है, जल, वायु, पृथ्वी, अग्नि और आकाश। मनुष्य के मरने के बाद उसका शरीर पांच तत्वों में विलीन हो जाता हैं।

हमारे शरीर में कोई समस्या है तो पांचो तत्वों में से कोई तत्वों के अस्थिरता से समस्या की स्थिति उत्पन्न होती है। पंचतत्व चिकित्सा के माध्यम से उसको स्थिर किया जाता है, और दो-तीन दिनों में ही इसका प्रभाव होने लगता है, समस्या से निजात मिलने लगता हैं। इस चिकित्सा में खर्चा नही है। और जो दवाइयों से साइड इफेक्ट व नुकसान हो रहा है वो नही होते। सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी ने कहा कि हम भी पेशेंट के तौर पर इनके यहां गए थे। मेरे दायें कंधे में कुछ समस्या था तो इन्होने हमें प्वाइन्टस बताए थे। उनके मार्गदर्शन से वो क्रिया करने पर बहुत आराम मिला। कुछ दिन वहां जाना पड़ता है फिर हम जब सीख जाते है तो खुद का ईलाज खुद ही कर पाने में सक्षम हो जाते हैं। दीदी ने उन्हें अगली बार फिर शिविर लगाने का निमंत्रण दिया। और शुभभावनाए व्यक्त की।

सहप्रभारी ब्रह्माकुमारी बिन्दू दीदी ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि मुझे भी कमर दर्द की शिकायत थी। इनके यहां चुंबकीय चिकित्सा का लाभ मिलने से मेरा दर्द काफी हद तक दूर हो गया। बिना दवाई, गोली के ईलाज किया जाता है। सभी कोरबा वासियों से इसका लाभ लेने की अपील की। इस शिविर के सफलतापूर्वक आयोजन को कोरबा तक लाने में अहम योगदान सेवानिवृत्त व्याख्यात्ता उदयनाथ साहू जी का है, वे संस्था से जुड़े वरिष्ठ सदस्य भी हैं। उन्होंने बताया कि हम आखो की समस्या से ग्रसित थे। पलके नीचे आ जाती था, जो हवा से, धुप से सहज ही बंद हो जाया करता था। जिससे मै कोई भी कार्य करने में, गाड़ी चलाने में असुविधा महसुस करता था। अनेक स्थानो से, अनेक पद्धति से मैने ईलाज कराया पर पूरा आराम नहीं मिला। जब मुझे पंचतत्व चिकित्सा की जानकारी मिली तो मैंने इस चिकित्सा का लाभ लिया। जिससे आंखो की पलकें पूरी तरह स्वस्थ होने की स्थिति में है। निःशुल्क पंचतत्व चिकित्सा शिविर का लाभ लेने के लिए प्रातः 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक लम्बी कतार लगी रही । सैकड़ो की संख्या मे लोग उपस्थित हुए।

 

दीपक साहू

संपादक

- Advertisement -

Must Read

- Advertisement -
510FansLike
50FollowersFollow
975SubscribersSubscribe

चंगाई सभा की आड़ में धर्मांतरण करवाने का आरोप, हिंदू संगठनों...

छत्तीसगढ़ अंबिकापुर/स्वराज टुडे: विभिन्न शहरों में मसीही समाज द्वारा समय समय पर चंगाई सभा का आयोजन किया जाता है , जिसमें बड़ी संख्या में मसीह...

Related News

- Advertisement -