
नई दिल्ली/स्वराज टुडे: भारतीय रेलवे ने यात्रियों से जुड़ा एक बड़ा बदलाव किया है. इसका असर लाखों रेल यात्रियों पर पड़ेगा. रेलवे ने 1 जुलाई से ही इन नियमों को लागू कर दिया है और पहली बार वेटिंग टिकट को लेकर इस तरह का सख्त फैसला किया गया है.
रेलवे ने कहा है कि अगर किसी यात्री ने इस नए नियम को तोड़ा तो उस पर न सिर्फ पेनाल्टी लगाई जाएगी, बल्कि टीटी उसे बीच रास्ते ही उतार देगा. इसके लिए ट्रेन में टिकट चेक करने वाले रेल कर्मचारियों को भी सख्त आदेश दे दिए गए हैं.
अब वेटिंग टिकट पर आप रिजर्वेशन वाले डिब्बों में नहीं कर पाएंगे सफर
दरअसल, रेलवे ने अब वेटिंग टिकट पर रिजर्वेशन वाले डिब्बों में सफर करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. इसका मतलब है कि अगर आपका टिकट वेटिंग रह गया है तो आप एसी या स्लीपर कोच में सफर नहीं कर सकते हैं. भले ही आपने टिकट स्टेशन की खिड़की से ऑफलाइन ही क्यों न खरीदा हो. इस तरह के टिकट पर भी अब रेलवे ने रिजर्व डिब्बों में सफर करने पर रोक लगा दी है. वैसे तो यह फैसला रिजर्व डिब्बों में कंफर्म टिकट के साथ सफर करने वालों की सहूलियत के लिए लागू किया गया है, लेकिन इसका वेटिंग टिकट पर सफर करने वाले लाखों यात्रियों पर बड़ा असर पड़ेगा.
अभी तक क्या था नियम
जुलाई से पहले तक भारतीय रेलवे का नियम था कि अगर किसी यात्री ने स्टेशन की खिड़की से वेटिंग टिकट खरीदा है तो फिर वह रिजर्व डिब्बों में भी यात्रा कर सकता है. अगर एसी का वेटिंग टिकट है तो वह एसी में जा सकता है और स्लीपर का है तो स्लीपर डिब्बे में वेटिंग टिकट पर सफर कर सकता है. हालांकि, ऑनलाइन खरीदे गए टिकट पर पहले ही यात्रा करने पर प्रतिबंध है, क्योंकि ऑनलाइन टिकट अगर वेटिंग रह गया तो वह अपने आप निरस्त हो जाता है.
रेलवे का क्या कहना
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वेटिंग टिकट पर सफर करने का प्रतिबंध आज से नहीं अंग्रेजों के जमाने से लागू है लेकिन इसका सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा है. अब रेलवे ने इस नियम को सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. रेलवे का साफ नियम है कि अगर आपने रिजर्वेशन टिकट काउंटर से भी टिकट खरीदा है और वह वेटिंग रह गया तो उसे कैंसिल कराकर पैसा वापस ले लें. यात्री ऐसा करने के बजाय यात्रा करने के लिए डिब्बे में चढ़ जाते हैं.
कितना लगेगा जुर्माना
रेलवे ने अपने आदेश में कहा है कि अगर अब कोई वेटिंग टिकट वाला यात्री रिजर्व डिब्बों में सफर करता मिलता है तो उस पर 440 रुपये का जुर्माना लगाने के साथ टीटी रास्ते में ही उतार सकता है. इसके अलावा टीटी को यह भी अधिकार होगा कि वह यात्री को जनरल डिब्बे में भेज सकता है. रेलवे ने यह आदेश करीब 5 हजार यात्रियों की उस शिकायत के बाद दिया है, जिसमें यात्रियों ने कहा था कि रिजर्व डिब्बों में वेटिंग टिकट वालों की बढ़ती भीड़ की वजह से काफी असुविधा होती है. इसके बाद रेलवे ने इस नियम को सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है.
वहीं रेलवे ने रेल यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर 139 जारी किया है. यात्रा के दौरान किसी भी तरह की सुविधा होने पर यात्रीगण इस नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. वही रिजर्वेशन कंफर्म टिकट वाले यात्री भी बगैर टिकट अथवा वेटिंग टिकट वाले यात्रियों से होने वाली परेशानी के संबंध में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
आम लोगों ने भी रेलवे को व्यवस्था सुधारने की दी नसीहत
इंडियन रेलवे विश्व में चौथा सबसे विशाल रेल नेटवर्क है, जहां प्रतिदिन करोड़ों लोग रेल का सफर करते हैं. वेटिंग टिकट पर रेलवे के नए दिशा निर्देशों को देखते हुए लोगों ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया भी दी है. उनका कहना है कि जनरल एवं रिजर्वेशन डिब्बों की संख्या बढ़ा देने से किसी भी यात्री के समक्ष कोई समस्या ही नहीं आएगी. ना तो जनरल डिब्बे में भेड़ बकरी की तरह यात्री सफर करेंगे और ना ही रिजर्वेशन वाले डिब्बे में कोई अन्य यात्री अवैध रूप से घुसकर यात्रा करेगा. अगर एसी अथवा स्लीपर डिब्बो में रिजर्वेशन फुल हो गया हो तो किसी अन्य यात्री को रेल विभाग RAC अथवा वेटिंग का टिकट ही जारी क्यों करता है.
स्लीपर में सीटों की संख्या 72 से 80 तक होती है लेकिन अक्सर देखा जाता है कि हर स्लीपर डिब्बों में 20-25 यात्री RAC और वेटिंग लिस्ट वाले होते हैं. यकीनन इससे रिजर्वेशन कंफर्म टिकट वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों की भी स्लीपर में बैठकर यात्रा करने की बड़ी मजबूरियां हो जाती है. रेल मंत्रालय को इस दिशा में भी विचार करना चाहिए.
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