गाजियाबाद/स्वराज टुडे: कोर्ट ने साल 2006 में हुए वाराणसी सीरियल ब्लास्ट (Varanasi serial blast) केस में सजा का ऐलान कर दिया है। आतंकी वलीउल्लाह (terrorist waliullah) को गाजियाबाद कोर्ट (Ghaziabad Court) ने फांसी की सजा सुनाई (sentenced to death) है। वहीं, दूसरे मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। सीरियल ब्लास्ट के एक मामले में 18 लोगों की मौत हुई थी। दूसरा मामला वाराणसी के घाट पर बम मिलने का है।
7 मार्च 2006 को हुए सीरियल ब्लास्ट में 18 लोगों की गई थी जान
बता दें कि वाराणसी में 7 मार्च 2006 को हुए सीरियल ब्लास्ट के आरोपी वलीउल्लाह उर्फ टुंडा को गाजियाबाद की जिला अदालत ने दोषी ठहराया था। इस मामले में कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है। संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे पर हुए ब्लास्ट में 18 लोगों की जान चली गई थी।
फैसले के दौरान अदालत की बढ़ा दी गई थी सुरक्षा
जिला प्रशासन के वकील राजेश शर्मा ने मीडिया को बताया कि जिला सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा ने वलीउल्ला को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज दो मामलों में दोषी करार दिया। फैसला सुनाने के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला जज की अदालत में मीडिया को भी प्रवेश नहीं दिया गया। अदालत में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
कोई नहीं ले रहा था केस
दरअसल, सात मार्च, 2006 को संकट मोचन मंदिर और छावनी रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोटों में 18 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे। वाराणसी में हुए धमाके के बाद वलीउल्लाह की तरफ से कोई भी वकील केस लड़ने को तैयार नहीं हुआ था। इसके बाद मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर गाजियाबाद कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था।
4 जून को ही दोषी करार दिया गया था वलीउल्लाह
गाजियाबाद कोर्ट के जज जितेंद्र कुमार सिन्हा ने वलीउल्लाह को 4 जून को ही दोषी करार दिया था। उसे वाराणसी के दशाश्वमेध घाट और संकटमोचन मंदिर पर बम धमाके करने के अलावा कानून के विरुद्ध काम करने, दहशत फैलाने और विस्फोटक सामग्री का प्रयोग करने के साथ ही हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में दोषी पाया गया।
16 साल बाद भी पकड़ में नहीं आए ये तीन आरोपी
वाराणसी में हुए सीरियल बम ब्लास्ट केस में वलीउल्लाह ने तीन और लोगों के नाम लिए थे। ये मुस्तकीम, जकारिया और शमीम हैं। हालांकि, ये तीनों आरोपी अब तक नहीं पकड़े जा सके हैं। ये सभी उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। कहा जाता है कि ये तीनों बांग्लादेश से होते हुए पाकिस्तान भाग गए हैं।
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