ब्लड में यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए तुलसी की पत्तियां काफी हद तक फायदेमंद होती हैं। आइए जानते हैं किस तरह करें इसका सेवन?
दरअसल, लोगों की लाइफस्टाइल और खानपान का तरीका इतना ज्यादा बदल चुका है कि उन्हें कई तरह की गंभीर समस्याएं हो रही हैं, जिसमें यूरिक एसिड शामिल है। यह हमारे शरीर में तब बनता है, जब शरीर प्यूरीन नामक पदार्थ टूटता है। प्यूरीन सामान्य रूप से शरीर में बनते हैं और कुछ खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में भी पाए जाते हैं। प्यूरीन की उच्च मात्रा वाले खाद्य पदार्थों में मैकेरल, सूखे बीन्स, मटर और बीयर शामिल हैं। ऐसे में इन चीजों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए तरह-तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन करना हेल्दी हो सकता है। इन में से तुलसी का पत्ता काफी प्रभावी हो सकता है। तुलसी की पत्ते को नियमित रूप से चबाने से आपके शरीर का यूरिक एसिड मेंटन हो सकता है। आइए जानते हैं यूरिक एसिड कंट्रोल करने में तुलसी का पत्ता किस तरह फायदेमंद हो सकता है?
यूरिक एसिड में तुलसी कैसे है फायदेमंद?
तुलसी के पत्तों में शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का गुण होता है। इसकी पत्तियों में मूत्रवर्धक गुण होते हैं। यह शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करती है, जो किडनी स्टोन बनने का मुख्य कारण है। यूरिक एसिड के स्तर में कमी से गठिया से पीड़ित रोगियों को भी राहत मिलती है। अगर आप अपने ब्लड में यूरिक एसिड के स्तर को कम करना चाहते हैं, तो इसकी पत्तियों को नियमित रूप से चबाएं।
किस तरह करें यूरिक एसिड में तुलसी की पत्तियां का सेवन?
खाली पेट चबाएं : यूरिक एसिड को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो सबसे पहले तुलसी की कोमल पत्तियों को तोड़ लें। इसके बाद इन पत्तियों को खाली पेट चबाएं। यह आपके मेंटल हेल्थ से लेकर यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में प्रभावी हो सकता है।
तुलसी का काढ़ा : तुलसी का काढ़ा भी आपके ब्लड में यूरिक एसिड का स्तर कम कर सकता है। इस काढ़ा को तैयार करने के लिए सबसे पहले 2 से 3 तुलसी की पत्तियां लें। अब इन पत्तियों को अच्छे से धोकर 1 कप पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। इसके बाद पानी को छानकर सुबह खाली पेट या फिर रात में सोने से पहले पिएं। इससे काफी हद तक यूरिक एसिड कंट्रोल हो सकता है।
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