मुस्लिम लड़के से हिंदू लड़की का निकाह! हाई कोर्ट ने कहा- धर्म परिवर्तन जरूरी, नहीं तो अवैध है शादी

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मध्य प्रदेश
भोपाल/स्वराज टुडे: धर्मांतरण किए बिना हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़का शादी नहीं कर सकते यह कहते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया की कोर्ट ने धर्मांतरण के बिना हुई शादी को अवैध ठहराया है.

इस दौरान हाई कोर्ट ने जोड़े द्वारा की गई पुलिस सुरक्षा की मांग की याचिका को भी खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ का हवाला दिया और कहा कि बिना धर्म बदले हिंदू लड़की मुस्लिम लड़के से शादी नहीं कर सकती.

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया की कोर्ट ने मुस्लिम युवक और हिंदू लड़की की शादी से जुड़े मामले में एक अहम फैसला सुनाया है. जिसमें दोनों ने कोर्ट में धर्म परिवर्तन किए बिना शादी को रजिस्टर करने और पुलिस सुरक्षा देने की मांग की थी. कोर्ट ने इस मामले में मुस्लिम पर्सनल एक्ट का हवाला देते हुए बिना धर्मांतरण के शादी को अवैध मानते हुए सुरक्षा देने से इनकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी.

हिंदू संगठनों से मिल रही धमकियां

हाई कोर्ट में पिछले 7 दिनों से लगातार इस मामले की सुनवाई की जा रही थी. कोर्ट ने सभी पक्षों की पूरी दलील भी सुनी. याचिकाकर्ता मुस्लिम युवक और हिंदू युवती की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की. अधिवक्ता दिनेश ने बताया कि अनूपपुर के रहने वाले मुस्लिम युवक और हिंदू युवती ने अक्टूबर 2023 में अनूपपुर कलेक्टर के समक्ष शादी के लिए एक आवेदन पेश किया था. जिसमें दोनों ने सोशल मैरिज एक्ट के तहत शादी रजिस्टर करवाने की अपील की थी. लेकिन लगातार हिंदू संगठनों के द्वारा धमकी मिलने और परिवार के विरोध के चलते युवक और युवती शादी नहीं कर पा रहे थे. इसी को लेकर युवक और युवती मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे और परिवार के सदस्यों और हिंदू संगठनों द्वारा धमकाने के आरोप लगाए.

कोर्ट ने सुरक्षा देने से किया इनकार

याचिका के माध्यम से दोनों ने पुलिस की सुरक्षा मुहैया करवाने की अपील की था. कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ एक्ट के आधार पर बिना धर्मांतरण के हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के की शादी को अवैध करार दिया. एक विशेष टिप्पणी के साथ सुरक्षा देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के के निकाह के लिए धर्मांतरण करना जरूरी है. लेकिन, इस मामले में लड़की ने धर्मांतरण नहीं किया इसलिए यह शादी वैध नहीं मानी जा सकती.

पिता ने रखा अपना पक्ष

इस पूरे मामले की सुनवाई में युवती के पिता ने भी कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट को बताया कि मुस्लिम लड़का उनकी बेटी का अपहरण करके ले गया है, जिससे समाज में उसकी छवि धूमिल हुई है. इसके साथ ही पिता ने कोर्ट को यह भी बताया कि बेटी घर से सोने-चांदी के जेवरात भी ले गई थी. बहरहाल कोर्ट ने सुरक्षा देने की याचिका को खारिज करते हुए मामले का निराकरण कर दिया है हालांकि दोनों की शादी को रजिस्टर करने की याचिका पर फिलहाल सुनवाई जारी रहेगी.

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दीपक साहू

संपादक

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