छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: कोरबा मानिकपुर परियोजना के उप महाप्रबंधक/कार्मिक प्रबन्धक को सीटू की तरफ से शिकायत पत्र भेजा गया है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मानिकपुर परियोजना में संडे ड्यूटी को लेकर जो वर्तमान में निर्णय लिए गए हैं उसके समर्थन में सीटू नहीं है। संडे काटे जाने का निर्णय किस फोरम में किया गया है , हमें जानकारी के अनुसार मानिकपुर संयुक्त सलाहकार समिति में भी इस विषय को लेकर प्रबंधन द्वारा चर्चा कब किया गया इसकी कोई जानकारी नहीं है । संडे ड्यूटी काटना ही था तो पूरी जानकारी श्रम संघों को दी जानी चाहिए और अगर मानिकपुर परियोजना में वित्तीय संकट इतने बड़े पैमाने पर है तो इसकी भी जानकारी संयुक्त सलाहकार समिति में करके उसको कैसे ठीक किया जाए उस पर भी चर्चा होनी चाहिए थी लेकिन किस आधार पर एक तरफा निर्णय लेकर इस तरह की गतिविधि को संचालित की गई जिसमें मानिकपुर में कार्यरत कर्मचारियों को मिलने वाले रविवार्य ड्यूटी से पृथक कर मात्र दो दिन का संडे ड्यूटी देने का प्रावधान की जानकारी मिल रही है।
कोयला श्रमिक संघ सीटू के सचिव व संयुक्त सलाहकार समिति सदस्य मोहन सिंह प्रधान ने स्वराज टुडे न्यूज़ से चर्चा करते हुए बताया कि इस तरह के नीतिगत निर्णय में जो कर्मचारी के खिलाफ है, कहां पर चर्चा हुई, कहां पर निर्णय हुआ , कौन लोग निर्णय में शामिल रहे ,यह भी बहुत बड़ा विमर्श का सवाल है ? जबकि मानिकपुर परियोजना मैनपावर की कमी से जूझ रही है ,चाहे वह माइनिंग स्टाफ हो, या उत्खनन विभाग हो सभी विभागों में श्रम शक्ति की भारी कमी है।
अगर कर्मचारियों के मिलने वाले वर्तमान वेतन से अगर कोई समस्या पैदा हुई है तो यह उच्च स्तरीय प्रबंधन एवं केंद्रीय श्रमसंघों के बीच विमर्श में आना था ,लेकिन एक तरफा लिए गए निर्णय, प्रबंधन के कर्मचारियों के प्रति सोच एवं उनकी अपनी अलग मानसिकता को दर्शाता है अतः उपरोक्त संवेदनशील मामले को संयुक्त सलाहकार समिति में चर्चा कर जिसमें सभी संगठन मौजूद रहे इसका निराकरण किया जाए।
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